प्रशासनिक पदाधिकारियों को मुंह चिढ़ा रहा है 20 लाख का जनमिनार
उदित वाणी, घाटशिला: घाटशिला प्रखंड के पावड़ा पंचायत में सात वर्ष पहले 60 लाख की लागत से बना बृहद जलमिनार से पावड़ा गांव के लगभग 200 ग्रामीणों को सात दिनों तक भी पानी नसीब नही हुआ. योजना मजाक बनकर रह गया है. योजना की लूट की कहानी इसी बात से पता चलता है कि संवेदक ने बिना किसी अधिकारी या पंचायत प्रतिनिधि को हेंडओवर किए बिना ही योजना के पैसे की सारी निकासी कर लिया. आज इस जलमिनार के समक्ष बड़ी बड़ी झाड़िया झुरमुट उग गया है. वहां तक जाने में भी लोगों को डर लगता है.
आठ वर्ष पूर्व 51 लाख की लागत से बनी थी योजना
जानकारी के अनुसार घाटशिला प्रखंड के पावड़ा पंचायत के पावड़ा मैदान के समीप लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय के अंदर वर्ष 2016 में पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से नीर निर्मल परियोजना के तहत 51 लाख 58 हजार की लागत से वृहद जलमिनार का निमार्ण किया गया था. इस जलमीनार से पाइप लाइन के माध्यम से पावड़ा गांव के लगभग 178 परिवार के कुल 12 सौ लोगों को पेयजल मुहैय्या कराना था. योजना का काम 2017 में पुरा भी हो गया और पानी की सप्लाई चालू की गई. लेकिन सप्ताह भर भी पानी पावड़ा के ग्रामीणों को नही मिला. ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक के द्वारा पाइप लाइन के लिए लगाया गया पाइप जगह जगह फटने लगा.
इसके कारण ग्रामीणों ने हों हंगामा शुरु कर दिया. उस समय विभाग द्वारा यह कहा गया कि जलमिनार में जो मोटर लगे है, वह मोटर लोड नही ले रहा है. इसके बाद पुनः टेंडर निकालकर 8 लाख रुपया की लागत से सोलर प्लेट लगाई गई. लेकिन सोलर प्लेट लगने के बाद भी यह जलमिनार चालू नही हुआ. वर्तमान में जो लोग लघु सिंचाई विभाग में रहते हैं वह सभी सोलर प्लेट से अपने क्वार्टर में उपयोग कर रहे हैं. इसके बाद से रांची के संवेदक जिसने इस जलमिनार का निमार्ण किया था उसका कोई पता नही है और योजना अब भी अधुरी पड़ी है. उस समय के तत्कालीन पावड़ा पंचायत के मुखिया बैजू मुर्मू ने कहा कि संवेदक द्वारा मुझे इस योजना का हेंडओवर नही दिया गया.
लूट खसोट के मामले को विधान सभा में उठायेंगे रामदास
इस मामले को लेकर विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि योजना की लूट को लेकर वह मामला विधान सभा में उठायेंगे और जांच की भी मांग करेंगे कि साठ लाख की योजना से कैसे ग्रामीणों को सात दिन भी पानी नही मिला. विभागीय कनीय अभियंता कोई योजना की जानकारी नहीं है.
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