उदित वाणी, आदित्यपुर: आदित्यपुर के न्यू हाउसिंग कॉलोनी स्थित मेडिनोवा हेल्थ केयर, वॉर्ड संख्या-17, जन्म से अविकसित और गंभीर स्थिति वाले नवजात बच्चों के लिए एक उम्मीद की किरण साबित हो रहा है. आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत यहां अब तक 4,500 से अधिक नवजात बच्चों का उपचार सफलतापूर्वक किया जा चुका है. इनमें से अधिकांश बच्चे जन्म के समय गंभीर और अविकसित अवस्था में अस्पताल लाए गए थे. मेडिनोवा का कोल्हान क्षेत्र का एकमात्र न्यू बोर्न इंसेंटिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) नवजातों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
900 ग्राम वजन वाले बच्चे की जिंदगी की लड़ाई
हाल ही में फरीदा खातून नामक महिला के नवजात बच्चे को जन्म के बाद केवल 900 ग्राम वजन होने के कारण अत्यंत गंभीर हालत में मेडिनोवा एनआईसीयू में भर्ती कराया गया. डॉ. राजेश कुमार और उनकी विशेषज्ञ टीम ने 12 मार्च से बच्चे की देखरेख शुरू की. लगातार देखभाल और उपचार के बाद दो महीने के भीतर बच्चे का वजन बढ़कर 1 किलो 100 ग्राम हो गया. अब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर जा रहा है.
डॉ. राजेश कुमार की चेतावनी और विशेषज्ञता
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि नवजात की स्थिति अत्यंत नाजुक थी. उसे सांस लेने में कठिनाई, शरीर में खून की कमी, आंतों में सूजन, कम ग्लूकोज स्तर और रक्तस्राव न होने जैसे गंभीर लक्षण थे. परंतु विशेषज्ञ चिकित्सकों की सतत देखभाल से वह पूरी तरह ठीक हो गया. इस उपचार प्रक्रिया में डॉ. पूजा अग्रवाल और डॉ. रश्मि वर्मा ने भी सक्रिय भूमिका निभाई.
छह माह वेंटिलेटर पर रहा नवजात, अस्पताल की मानवता की मिसाल
चौका क्षेत्र के बासाहातू गांव की मंजू देवी के नवजात बच्चे का जन्म नवंबर में कोमा जैसी स्थिति में हुआ था. यह शिशु मेडिनोवा के वेंटिलेटर पर छह माह तक उपचाराधीन रहा. हालांकि आयुष्मान भारत योजना की अवधि समाप्त हो चुकी थी, तब भी अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे का इलाज जारी रखा ताकि उसकी सांसें चलती रहें.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।