उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड राज्य में सहारा समूह से जुड़े एक बड़े मामले में सीआईडी ने बड़ा कदम उठाया है. सहारा इंडिया की सहारियन यूनिवर्सल सोसाइटी से जुड़े पांच शीर्ष अधिकारियों को आरोपी ठहराते हुए उनके खिलाफ जांच की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. इन सभी को नोटिस जारी कर अपनी सफाई देने को कहा गया है.
गरीब निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का आरोप
विश्व भारती जनसेवा संस्थान द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, सहारा समूह के इन अधिकारियों ने गरीब और मध्यम वर्गीय निवेशकों से जमा की गई भारी धनराशि को सुनियोजित साजिश के तहत हड़पने का प्रयास किया. यह राशि झारखंड के विभिन्न जिलों के लोगों द्वारा भरोसे के साथ निवेश की गई थी.
जिम्मेदारी से बचने के लिए पद छोड़ने का आरोप
शिकायत में यह भी बताया गया कि पहले इन अधिकारियों ने सोसाइटी के गठन में मुख्य भूमिका निभाई. लेकिन जब धोखाधड़ी सामने आने लगी, तो वे अपने पदों से इस्तीफा देकर पीछे हट गए और नए, अपेक्षाकृत छोटे अधिकारियों को डायरेक्टर बना दिया. इससे साफ होता है कि उन्होंने खुद को कानूनी दायरे से बाहर निकालने का प्रयास किया.
जांच के घेरे में आए बड़े नाम
सीआईडी की प्रारंभिक जांच में सहारियन यूनिवर्सल सोसाइटी के पूर्व प्रबंध निदेशक जितेंद्र कुमार वाष्णेय, सहारा इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्यामवीर उर्फ एसवी सिंह, प्रशांत वर्मा, अलख सिंह, और पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पवन कपूर को आरोपी बनाया गया है.
गहराई से होगी जांच
सीआईडी ने यह स्पष्ट किया है कि इन सभी की कार्यशैली और भूमिका की गहराई से जांच की जाएगी. साथ ही, निवेशकों के हितों की सुरक्षा और ठगी गई राशि की वापसी के लिए भी विधिक प्रयास किए जाएंगे. यह मामला झारखंड में सहारा समूह के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, जिससे हजारों निवेशकों को न्याय की उम्मीद जगी है.
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