उदित वाणी, जमशेदपुर: सोमवार को भारतीय ज्ञान प्रणाली के आयाम : सिद्धांत और प्रवृत्ति विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का सफल समापन हुआ. इस सेमिनार का आयोजन देवघर जिले के जसीडीह स्थित डॉ. जगन्नाथ मिश्रा महाविद्यालय में सोना देवी विश्वविद्यालय, घाटशिला द्वारा किया गया. इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, देवघर के शैक्षणिक सहयोग से आयोजित इस सेमिनार में डॉ. जगन्नाथ मिश्रा महाविद्यालय, जसीडीह, अनुचिन्तन फाउंडेशन, खगड़िया बिहार, और शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट की संयुक्त भागीदारी रही.
उद्घाटन भाषण में प्रमुख विचार
सेमिनार का उद्घाटन सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रभाकर सिंह ने किया. उन्होंने कहा कि यह सेमिनार शोधकर्ताओं के लिए भविष्य का मार्गदर्शन करेगा. सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जे. पी. मिश्रा ने सेमिनार के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए शोधकर्ताओं से शोध कार्य की गुणवत्ता और सार्थकता पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की.
मिथिला और अन्य विद्वानों का योगदान
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के पूर्व प्रोफेसर डॉ. संजय झा ने मुख्य वक्ता के रूप में मिथिला के ज्ञान योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला. राजर्षी जनक विश्वविद्यालय, जनकपुर धाम, नेपाल के शोध निदेशक डॉ. आर. के. शाह और सलाले विश्वविद्यालय, इथोपिया के पूर्व प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार मिश्रा ने भी भारतीय ज्ञान प्रणाली के संदर्भ में अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए.
पुस्तक विमोचन और तकनीकी सत्र
सेमिनार के पहले दिन अनुचिन्तन फाउंडेशन, खगड़िया के अध्यक्ष डॉ. ईश्वर चंद की चार पुस्तकों का विमोचन किया गया. तकनीकी सत्र में कई विद्वानों ने भारतीय ज्ञान परंपरा और उनके आयामों पर अपने विचार प्रस्तुत किए. इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, देवघर के सहायक निदेशक डॉ. सरोज कुमार मिश्रा ने सेमिनार में उपस्थित सभी विद्वानों का स्वागत किया और आभार व्यक्त किया.
दूसरे दिन शोध पत्र प्रस्तुतिकरण और समापन
अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन पहले सत्र में विभिन्न स्थानों से आए बीस शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए. सेमिनार के दूसरे दिन के मुख्य अतिथि, डॉक्टर अशोकानंद झा, उपाध्यक्ष, तक्षशिला विद्यापीठ देवघर ने भारतीय ज्ञान परंपरा को किस प्रकार आगे बढ़ाया जाए, इस पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए.
धन्यवाद ज्ञापन और महत्वपूर्ण भूमिका
इग्नू अध्ययन केंद्र के समन्वयक डॉ. रामकृष्णा चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस सेमिनार के सफल आयोजन में शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के निदेशक हिमांशु देव की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
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