उदितवाणी, कांड्रा: मकर संक्रांति के दूसरे दिन गम्हरिया में आयोजित अखान यात्रा पर घोड़ाबाबा पूजनोत्सव पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ धूमधाम से मनाया गया. कुम्भकार समाज द्वारा आयोजित इस भव्य आयोजन में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लाखों श्रद्धालु जुटे. श्रद्धालुओं ने भगवान बलराम जिऊ की पूजा अर्चना की और मन्नतें मांगी.
सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री ने की पूजा अर्चना
इस पूजा उत्सव में विशेष रूप से जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधायक चम्पाई सोरेन ने भाग लिया. दोनों नेताओं ने पूजा अर्चना कर क्षेत्र में सुख-शांति की कामना की.
घोड़ाबाबा पूजा की ऐतिहासिक मान्यता
यह पूजा करीब दो सौ वर्ष पुरानी है, जब क्षेत्र में महामारी फैली थी. तब क्षेत्र के पूर्वजों ने भगवान बलराम का आह्वान किया और उनके वाहन के रूप में घोड़े की स्थापना की. इसके बाद से महामारी का प्रकोप समाप्त हुआ. तभी से कुंभकार समाज इस परंपरा का पालन कर रहा है.
मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु चढ़ाते हैं मिट्टी के घोड़े
पारंपरिक पूजा में जिनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं, वे मंदिर में मिट्टी के घोड़े चढ़ाते हैं और प्रसाद का भोग भी अर्पित करते हैं. इस दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा घोड़ा और प्रसाद चढ़ाए गए, और कई श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर मन्नतें भी मांगी.
सांस्कृतिक कार्यक्रम और भव्य मेला
इस मौके पर भजन आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति दी. साथ ही, एक भव्य मेला भी आयोजित किया गया, जिसका श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद लिया.
वोलेंटियर्स और पुलिस ने संभाली व्यवस्था
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर कमेटी द्वारा वोलेंटियर्स की नियुक्ति की गई थी. वहीं, आदित्यपुर पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के जवान भी सड़कों पर तैनात थे, ताकि यातायात और सुरक्षा व्यवस्था सुचारू रहे.
पूजा आयोजन में कुंभकार समिति का योगदान
इस आयोजन के सफल संपन्न होने में कुंभकार समिति के अध्यक्ष मनोरंजन बेज, महासचिव बंकिम चौधरी, और अन्य सदस्यों का योगदान अहम रहा. इसके साथ ही गम्हरिया वासियों का भी सक्रिय सहयोग मिला.
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