बीपीएल कोटे के बच्चों के नामांकन न के लिए तैयारी पूरी नहीं
उदित वाणी, जमशेदपुर: शहर के निजी स्कूलों में राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत गरीब व अभिवंचित वर्ग के बच्चों के लिए निर्धारित 25 प्रतिशत सीटों पर नामांकन लेने वाले बच्चों का सत्र इस बार भी लेट होगा. इसकी मुख्य वजह जिला शिक्षा विभाग की अधूरी तैयारी है. शिक्षा विभाग ने पहले 10 जनवरी से ऑनलाइन फॉर्म भरने की बात कही थी, फिर 20 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की बात कही, लेकिन अबतक आवेदन लेने को लेकर पोर्टल पर कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की जा सकी है. अब नामांकन को आवेदन 10 फरवरी के बाद लिए जाने की बात कही जा रही है. बताते चलें कि 2024 बैच के लिए 25 दिसंबर 2023 से ही आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई थी.
जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जैसे ही तिथि घोषित होगी, अभिभावक विभाग की वेबसाइट https://rteeastsingh bhum.com पर जाकर निःशुल्क फॉर्म भर सकेंगे. डीएसई कार्यालय के आरटीई सेल इसकी तैयारी कर रहा है. मालूम हो कि जमशेदपुर में निजी स्कूलों में आरक्षित कोटे की कुल 1575 सीटें हैं. इन सीटों पर जिन बच्चों का नामांकन होगा, वे आठवीं कक्षा तक निःशुल्क पढ़ाई कर सकेंगे. इनके बदले सरकार प्रति स्टूडेंट 425 रुपए की दर से स्कूलों को फीस का भुगतान करेगी. इससे पहले सामान्य कोटे की सीटों पर एडमिशन के लिए 18 जनवरी को मेधा सूची जारी की जा चुकी है, जिसके अधिकतर स्कूलों में नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने को आई है.
कुछ स्कूलों में 31 जनवरी तक दाखिला हो जाएगा. मार्च से क्लास भी शुरू हो जाएगी. लेकिन आरक्षित कोटे की सीटों पर दाखिले में अप्रैल-मई बीत जाएगा. सत्र 2024-25 के लिए शिक्षा विभाग ने दिसंबर-2023 में आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन एडमिशन में मई-2024 तक का समय लग गया. इस वजह से आरक्षित कोटे की सीटों पर दाखिला लेने वाले बच्चों की पढ़ाई दो माह विलंब से शुरू हुआ. जब बच्चे स्कूल पहुंचे, तब तक करीब 15 प्रतिशत सिलेबस पूरा हो गया था. इस बार एडमिशन प्रक्रिया पिछले वर्ष के मुकाबले 25 दिन की देरी से शुरू होने जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है एक बार फिर आरक्षित कोटे के तहत बच्चे करीब दो माह विलंब से स्कूल जा सकेंगे.
ये दस्तावेज लगेंगे :
आरक्षित सीटों पर आवेदन के दौरान जो प्रमुख दस्तावेज लगेंगे उसमें सबसे पहला अभिभावक का आय प्रमाणपत्र है, जो सालाना 72 हजार रुपए या उससे कम होना चाहिए. आय इससे अधिक है तो इन सीटों पर बच्चे का दाखिला नहीं हो सकेगा. इसके अलावा अभिभावक का आधार कार्ड, बच्चे का आधार कार्ड व जन्म प्रमाणपत्र की कॉपी अपलोड करनी होगी. आय व जन्म प्रमाणपत्र की जांच शिक्षा विभाग इन्हें जारी करने वाले विभाग से कराएगा. जांच में सही पाए जाने के बाद ही आवेदनों को संबंधित स्कूलों को भेजा जाएगा.
प्रवेश नहीं मिला तो दूसरे स्कूल में करा लें एडमिशन, नहीं तो उम्र बढ़ जाएगी
एलकेजी में एडमिशन के लिए रिजल्ट में अगर नाम नहीं आ सका है तो, उनके पास अगले साल एडमिशन लेने का कोई ऑप्शन नहीं होगा. ऐसे करीब 30 हजार बच्चे हैं, जिनका किसी स्कूल में नाम नहीं निकला है. इसलिए एलकेजी में एडमिशन नहीं हो पाने वाले बच्चों के अभिभावक किसी और स्कूल में एडमिशन करवा लेना जरूरी है. अगले साल उनकी उम्र बढ़ जायेगी, तो किसी स्कूल में एडमिशन नहीं हो सकेगा. साथ ही, नयी शिक्षा नीति के अनुसार निजी स्कूलों में एंट्री क्लास नर्सरी की जा रही है. शहर के सिर्फ पांच फीसदी स्कूल ही ऐसे हैं, जहां सेकेंड लिस्ट का प्रकाशन होगा. इसकी सूचना स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करने के साथ वेबसाइट पर दी जायेगी. इसलिए अब वैसे स्कूल, जहां सीधे नामांकन लिया जाता है, उन स्कूलों में अभिभावकों को बच्चों का नामांकन करा लेना चाहिए.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।