उदित वाणी,जमशेदपुर: जमशेदपुर: सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कोल्हान के उद्योगों के विकास को लेकर गुरुवार को झारखंड के उद्योग सचिव जितेन्द्र सिंह के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया.
मौके पर प्रेम रंजन, क्षेत्रीय निदेशक, जियाडा, जमशेदपुर, टीएसयूआईएसलएल (जुस्को) के प्रबंध निदेशक रितुराज सिन्हा,
प्रणव कुमार पॉल, संयुक्त निदेशक, उद्योग झारखण्ड सरकार, जेबीवीएनएल जमशेदपुर के महाप्रबंधक, जेबीवीएनएल चाईबासा के उपमहाप्रबंधक, उपश्रमायुक्त, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, विद्युत अधीक्षक अभियंता, विद्युत अभियंता भी उपस्थित थे. उद्योग सचिव जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उद्योग विभाग इंटरवेंशन पॉलिसी के माध्यम से लगातार उद्यमियों की समस्याओं से अवगत होता रहता है और इसे दूर करने की हमारी कोशिश होती है.
सिंगल विंडो के माध्यम से हमारे पास एक लाख से अधिक आवेदन आए. उनमें से लगभग 88 हजार आवेदनों को पास किया गया. पिछले सौ वर्षों के दौरान नेचुरल रिर्सोसेस के कारण जमशेदपुर इंडस्ट्रियल हब गया है.
2015 में फूड पॉलिसी आई थी
झारखण्ड सरकार द्वारा वर्ष 2015 में फूड पॉलिसी लाई गई थी. इससे इस क्षेत्र में उद्योग धंधे राज्य में स्थापित हुए.
उसी तरह वर्ष 2016 में नई टेक्सटाइल पॉलिसी लाई गई, जिसके तहत कपड़ों का निर्माण झारखंड में होने लगा जो यहां से यूरोपीय देशों को एक्सपोर्ट हो रहा है. अभी इलेक्ट्रिकल वेहिकल पॉलिसी लाई गई है. झारखंड सरकार द्वारा नई एमएसएमई डेवलपमेंट पॉलिसी लाई गई है, जिसके तहत नये एमएसएमई इकाई को तीन वर्षों तक निबंधन कराने से छूट दी जायेगी.
औद्योगिक विकास हेतु सरकार द्वारा फार्मास्यूटिकल पॉलिसी लाई गई है. उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स एवं रेलवे के साथ इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट के लिए स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता दे, इसके लिए चैम्बर को उनसे वार्ता करनी चाहिए. उद्योग सचिव ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा 28 मार्च, 2023 को जियाडा बोर्ड की बैठक में जियाडा के क्षेत्रीय निदेशकों को एक करोड़ तक की समस्याओं के खर्च के लिए पावर दिये गये जो छोटी-छोटी समस्याओं को अपने स्तर से पूरा कर सके. उन्होने कहा कि पार्किंग के मुद्दे को ध्यान में रखकर जल्द कार्य किए जाएंगे.
आदित्यपुर में ऑटोमोबाइल कंपनी की स्थापना हो
चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने सबसे पहले बैठक में अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि कोल्हान में राज्य के औद्योगिक विकास केवल उद्योग विभाग की जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिए हम सभी को मंथन करना होगा.
हमें औद्योगिक विकास की नई गाथा लिखकर यहां से पलायन रोकना होगा. मुख्यमंत्री ने झारखंड के मजदूरों को कोरोना काल में अपने राज्य में वापस बुलाया, लेकिन कोरोना की समाप्ति पर फिर से वे पलायन कर गये क्योंकि यहां औद्योगिक विकास जिस रूप में होना था, वह नहीं हो सका है. चैम्बर ने कोल्हान में औद्योगिक विकास हेतु नये ऑटोमोबाइल कंपनी की स्थापना हेतु 17 कंपनियों को पत्र लिखे हैं, जिससे यहां की एमएसएमई को नया बाजार मिल सके. उन्होंने मांग की कि यहां माइक्रो लैंड कलस्टर की स्थापना की जाय.
औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों को ठीक किया जाएगा
कार्यक्रम में जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक प्रेमरंजन ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों को जल्द ठीक किया जाएगा. टाटा स्टील यूआईएसएल (जुस्को) के प्रबंध निदेशक रितुराज सिन्हा ने कहा कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों को बिजली वितरण के दौरान झारखंड सरकार से एप्रूवल लेने काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है,
जिससे सभी उद्योगों को बिजली देना संभव नहीं हो पा रहा है. एप्रूवल लेने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाय. कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष निर्मल काबरा, अशोक भालोटिया, सुरेश सोंथालिया ने भी उद्योग पर होल्डिंग टैक्स, बिजली, सड़क, पार्किंग से संबंधित मुद्दों को रखा. इसके अलावे अन्य सदस्यों ने भी औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं को उद्योग सचिव के समक्ष रखा.
बैठक का संचालन मानव केडिया ने किया. मौके पर महेश सोंथालिया, मुकेश मित्तल, नितेश धूत, सचिव सांवरमल शर्मा, किशोर गोलेच्छा, भरत मकानी, पवन शर्मा, मनोज गोयल, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, श्रवण देबुका, पवन नरेडी, सीए जगदीश खंडेलवाल, रमेश सोंथालिया, आनंद चौधरी, सुनील वर्मा, विमल मुरारका, आशुतोष कुमार, संजय गोयल, पीयूष गोयल, संजय मिश्रा, दीपक डोकानिया, प्रवीण गुटगुटिया, विनोद कुमार शर्मा, महेन्द्र मूनका, अभिषेक कांवटिया, सौरभ दास, राजीव झुनझुनवाला, नितेश राजगढ़िया, मनीष अग्रवाल, विकास अग्रवाल, ओपी आनंद, श्याम शर्मा, यूएन शुक्ला, अभिषेक नरेडी, श्याम शर्मा, संजय साह, अभिजीत बनर्जी, गौरव सिंघल, अरूण गोयल, नरेन्द्र शर्राफ मौजूद थे.
चैम्बर के द्वारा रखी गई विभिन्न मांगे:
- समान बिजली दर की व्यवस्था
- माइक्रो लैंड कलस्टर
- बिजली पोर्टेबिलीटी की सुविधा
- जमशेदपुर जियाडा के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र में संरचना में सुधार
- अन्य राज्यों की तरह 30 वर्षों से अधिक समयावधि वाले उद्योगों को मालिकाना हक दिया जाना चाहिए.
- एयरपोर्ट की स्थापना
- होल्डिंग टैक्स
- पर्चेज पॉलिसी
- झारखण्ड राज्य में उद्योगों को सब्सिडी लेने की प्रक्रिया काफी जटिल है, इसे सरल बनाया जाय.
- आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में बड़े वाहनों की पार्किंग हेतु पार्किंग स्थल का निर्माण किया जाय.
- आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के ब्रांच रोड को अतिक्रमणमुक्त कराया जाय
- आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के कुछ उद्योगों का प्लॉट रद्द किया गया है जिसका मामला माननीय न्यायालय में विचाराधीन है.
- जुस्को द्वारा अंडरग्राउंड और ओवरलेन बिजली लाइन ले जाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए.
- पेब्को मोटर्स क्रॉसिंग, सुधा डेयरी क्रॉसिंग, लाल बिल्डिंग क्रॉसिंग में ट्राफिक लाइट सिग्नल लगाया जाना चाहिए.
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