उदित वाणी, नई दिल्ली: आयकर विभाग ने पैन 2.0 परियोजना के लिए 1,435 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इस परियोजना को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCIA) ने हरी झंडी दी है.
प्रौद्योगिकी आधारित बदलाव का उद्देश्य
पैन 2.0 परियोजना का मुख्य उद्देश्य टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सर्विस में प्रौद्योगिकी आधारित बदलाव लाना है. यह परियोजना टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सर्विस के बिजनेस प्रोसेस को नए सिरे से डिज़ाइन करने के लिए एक ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट है. पैन और टैन सर्विस के तकनीकी रूप से ड्रिवन ट्रांसफॉर्मेशन का लक्ष्य टैक्सपेयर के डिजिटल अनुभव को बेहतर बनाना है. यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 इकोसिस्टम का अपग्रेड होगा, जो पैन वेरिफिकेशन सर्विस के साथ-साथ मुख्य और गैर-मुख्य पैन/टैन गतिविधियों से संबंधित होगा.
आसान पहुंच और बेहतर सेवा
इस परियोजना के माध्यम से सेवा की तेज डिलिवरी और बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित होगी. इसके अतिरिक्त, यह डेटा और सत्यापन का एकल स्रोत बनेगा. पैन कार्ड के इको-फ्रेंडली प्रॉसेस और लागत को कम करने के साथ-साथ सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण सुधार होगा.
सरकारी एजेंसियों के लिए पैन का सामान्य पहचानकर्ता
सीसीईए ने आगे कहा कि पैन 2.0 परियोजना का उद्देश्य सरकारी एजेंसियों के डिजिटल सिस्टम के लिए पैन को एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में इस्तेमाल को सरल बनाना है. यह कदम सरकार के डिजिटल इंडिया विजन के तहत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
आयकर विभाग को केंद्रीय बजट के लक्ष्य को पार करने की उम्मीद
इस बीच, आयकर विभाग को उम्मीद है कि वह चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बजट में निर्धारित 22.07 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य को पार कर लेगा. सीबीडीटी के अनुसार, 10 नवंबर 2024 तक भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह, जिसमें कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं, 15.4 प्रतिशत बढ़कर 12.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर से लक्ष्य प्राप्ति
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 10.20 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट कर से और 11.87 लाख करोड़ रुपये व्यक्तिगत आयकर, गैर-कॉरपोरेट कर और अन्य करों से प्राप्त किए जाएंगे.
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