
उदित वाणी, जमशेदपुर : घाटशिला थाना प्रभारी मधुसूदन डे पर दुर्व्यवहार, गाली-गलौज, धक्कामुक्की और महिला जनप्रतिनिधियों को गलत नीयत से छूने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. बुधवार को जिला परिषद सदस्य कुसुम पुर्ती ने अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ पूर्वी सिंहभूम के एसएसपी कार्यालय पहुंचकर एक लिखित शिकायत पत्र सौंपा और थाना प्रभारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की.
कुसुम पुर्ती के अनुसार, वह जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू के नेतृत्व में अन्य जिला पार्षदों के साथ जिला परिषद सदस्य करन सिंह की गिरफ्तारी के कारण की जानकारी लेने घाटशिला थाना पहुंची थीं. आरोप है कि करन सिंह को झूठे केस में फंसाकर गिरफ्तार किया गया है.
कुसुम पुर्ती ने बताया कि करन सिंह ने उपविकास आयुक्त (डीडीसी) के आदेश पर एक अवैध निर्माण कार्य को रुकवाया था, जिसके विरोध में एक प्रभावशाली बिल्डर ने पुलिस को गुमराह कर गिरफ्तार करवा दिया.
थाने में हुआ विवाद
ज्ञापन में बताया गया कि जैसे ही जनप्रतिनिधियों का दल करन सिंह की गिरफ्तारी की जानकारी लेने थाना पहुंचा, थाना प्रभारी मधुसूदन डे भड़क गए. उन्होंने जिला परिषद सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया, गाली-गलौज की और धक्कामुक्की की.
कुसुम पुर्ती का आरोप है कि थाना प्रभारी ने उन्हें और अन्य महिला पार्षदों को गलत नीयत से छुआ, जो बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. यह आचरण न केवल महिला गरिमा के खिलाफ है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों के सम्मान के भी विपरीत है.
एसएसपी से की गई कार्रवाई की मांग
इस घटना से आक्रोशित जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू के नेतृत्व में जिला परिषद सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचा और पूरी घटना का विवरण देते हुए एक ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल में बारी मुर्मू के साथ कविता परमार, कुसुम पुर्ती समेत अन्य महिला एवं पुरुष पार्षद शामिल थे.
ज्ञापन में स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि थाना प्रभारी मधुसूदन डे के खिलाफ तत्काल विभागीय जांच कराते हुए उन्हें पद से हटाया जाए और उनके द्वारा महिला जनप्रतिनिधियों के साथ की गई अशोभनीय हरकत के लिए कानूनी कार्रवाई की जाए.
कानून के रक्षक से ही सुरक्षा खतरे में
जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू ने कहा, “अगर जनप्रतिनिधि ही थाने में सुरक्षित नहीं हैं और उनसे अभद्रता की जाती है, तो आम जनता कैसे सुरक्षित महसूस करेगी? यह पूरी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न है. हम इस मामले को लेकर किसी भी स्तर तक संघर्ष करेंगे.”
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
इस पूरे मामले में अब तक पुलिस प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे पार्षदों और आम नागरिकों में असंतोष है. जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में शीघ्र और सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं.
महिलाओं की गरिमा से समझौता नहीं
कुसुम पुर्ती ने कहा, “महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा. थाना प्रभारी का व्यवहार न सिर्फ अमर्यादित था, बल्कि उन्होंने कानून की भी अवहेलना की है. हम इस अन्याय के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे.”
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