उदित वाणी, जमशेदपुर : झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को जमशेदपुर निवासी दीपक कुमार की फांसी की सजा को बरकरार रखा है. दीपक ने ओटीटी पर दो क्राइम थ्रिलर देखने के बाद अपनी पत्नी, दो बेटियों और एक ट्यूटर की नृशंस हत्या कर दी थी. न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने इसे ‘भयावह अपराध’ की संज्ञा देते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा 1 अप्रैल 2023 को सुनाई गई फांसी की सजा को पूरी तरह न्यायोचित ठहराया.
योजनाबद्ध हत्या की पूरी पटकथा
दीपक कुमार, जो एक निजी कंपनी में कार्यरत था, ने अपनी पत्नी वीणा देवी और दो नाबालिग बेटियों की हत्या 12 अप्रैल 2021 को कर दी. उसने पहले अपनी पत्नी को सोते समय हथौड़े से मार डाला. फिर बेटियों के कमरे में जाकर उन्हें भी हथौड़े से घायल किया और तकिये से उनका दम घोंट दिया. विशेष लोक अभियोजक विनीति कुमार वशिष्ठ के अनुसार, यह अपराध पूरी तरह योजनाबद्ध था. दीपक ने दो थ्रिलर फिल्में देखकर हत्या की योजना बनाई थी.
ट्यूटर बनी अगला निशाना
तीनों हत्याओं के बाद वह अपने कारोबारी साथी रोशन का इंतजार कर रहा था, जिससे उसका आर्थिक विवाद चल रहा था. रोशन को लंच पर बुलाकर उसकी भी हत्या करने का इरादा था. लेकिन इसी बीच उसकी छोटी बेटी की ट्यूशन टीचर घर आई. शव देखकर वह चिल्लाई, तो दीपक ने उसकी भी गला घोंटकर हत्या कर दी. जांच में यह भी सामने आया कि उसने ट्यूटर के साथ दुष्कर्म किया.
अंतिम वार असफल रहा, गिरफ्तार हुआ आरोपी
जब रोशन अपनी पत्नी और भाई के साथ दीपक के घर पहुंचा, तो दीपक ने दोनों पुरुषों पर भी हथौड़े से हमला किया. हालांकि, वह उन्हें पूरी तरह मार नहीं सका और काबू में आ गया. रोशन की पत्नी किसी तरह भागकर बाहर पहुंची और लोगों को बुलाकर मदद मांगी. इस बीच दीपक मौके से फरार हो गया. बाद की जांच में सामने आया कि उसने अपनी पत्नी के गहने बेच दिए थे, सोशल मीडिया अकाउंट्स डिलीट कर दिए थे और बाइक से भाग निकला था.
धनबाद से हुई गिरफ्तारी
दीपक के खिलाफ मामला उसके साले ने दर्ज कराया. पुलिस ने बैंक लेन-देन की जानकारी के आधार पर उसकी लोकेशन ट्रेस की और उसे धनबाद से गिरफ्तार किया. झारखंड हाईकोर्ट के इस निर्णय ने एक बार फिर यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या डिजिटल थ्रिलर मनोरंजन से अधिक, अपराध की प्रेरणा बनते जा रहे हैं?
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