मुंबई: भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए एक नया रिकॉर्ड बनाया. दिन के कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,200 अंकों की उछाल के साथ 82,530 पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 395 अंक चढ़कर पहली बार 25,000 के आंकड़े को पार करते हुए 25,062 पर बंद हुआ.
जीरो टैरिफ वाले बयान ने बढ़ाया भरोसा
बाजार में आई इस तेजी की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर दिया गया बयान रहा. ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर शून्य शुल्क की पेशकश कर रहा है. इससे वैश्विक निवेशकों में सकारात्मकता का संचार हुआ और भारतीय बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई.
मिडकैप और स्मॉलकैप में भी दिखी मजबूती
बाजार का यह उभार केवल लार्जकैप शेयरों तक सीमित नहीं रहा. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी मजबूती देखी गई. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 394 अंक बढ़कर 56,530 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 92 अंक की बढ़त के साथ 17,239 पर बंद हुआ.
तकनीकी विश्लेषकों की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक दे के अनुसार, निफ्टी ने कंसोलिडेशन ब्रेकआउट दिया है और अब इसके 25,690 तक पहुँचने की संभावना है. हालांकि यदि गिरावट आती है, तो 24,400 का स्तर एक मजबूत समर्थन साबित हो सकता है.
लगभग सभी सेक्टर इंडेक्स में उछाल
निफ्टी के सभी प्रमुख सेक्टर इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए. इनमें ऑटो, आईटी, वित्तीय सेवाएँ, फार्मा, रियल्टी, एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर और कमोडिटी शामिल हैं. सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, एचसीएल टेक, अदाणी पोर्ट्स, जोमैटो, मारुति, एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल और एचडीएफसी बैंक जैसे शेयर टॉप गेनर्स में रहे.
केवल इंडसइंड बैंक रहा लाल निशान में
बीएसई में सूचीबद्ध अधिकांश कंपनियों के शेयरों में तेजी दर्ज की गई. केवल इंडसइंड बैंक ही ऐसा स्टॉक रहा जो गिरावट के साथ बंद हुआ.
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी दी मदद
तेजी का दूसरा बड़ा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट रही. ब्रेंट क्रूड करीब 3.5 प्रतिशत टूटकर 63.86 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. इससे निवेशकों को महँगाई और व्यापार घाटे को लेकर राहत की उम्मीद मिली.
शुरुआती गिरावट से जबरदस्त पलटाव
गौरतलब है कि बाजार की शुरुआत गुरुवार को कमजोरी के साथ हुई थी. सुबह 9:39 बजे सेंसेक्स 368 अंक गिरकर 80,962 और निफ्टी 98 अंक फिसलकर 24,568 पर पहुँच गया था. लेकिन दिन चढ़ते ही ट्रंप के बयान और वैश्विक संकेतों के प्रभाव से निवेशकों का मूड बदल गया.
(IANS)
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