उदित वाणी, जमशेदपुर: सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का एक प्रतिनिधिमंडल, अध्यक्ष विजय आनंद मूनका के नेतृत्व में, विगत दिनों दिल्ली में संसद भवन का दौरा किया. नया संसद भवन विशाल रूप में, अनेक भारतीय संस्कृतियों की झलक के साथ, आज के अनुरूप आधुनिकता की एक मिसाल है. ये बातें चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहीं.
मूनका ने संसद भवन दौरे को लेकर कहा कि इसे देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि नया संसद भवन भविष्य में देश के राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए निर्मित किया गया है, जो निर्माण एवं वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है. अध्यक्ष ने कहा कि विभिन्न राज्यों की कलाकृतियों से सुसज्जित नया संसद भवन भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का एक नया संगम है. इस संसद भवन में हरित निर्माण तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे पुराने संसद भवन की तुलना में बिजली की खपत भी काफी हद तक कम होगी. इसे अगले 150 वर्षों तक टिकने और भूकंपों को झेलने के हिसाब से डिजाइन किया गया है. इसमें वर्षा जल संचयन और पुनर्चक्रण प्रणाली को भी शामिल किया गया है, जो “जल ही जीवन” के महत्व को दर्शाती है.
जानवरों के नाम पर छह द्वार
मानद महासचिव मानव केडिया ने बताया कि नये संसद भवन में छह द्वार बनाए गए हैं, जिनमें प्रत्येक का नाम किसी प्राणी के नाम पर रखा गया है और उस पर उसकी छवि अंकित की गई है.
गज द्वार – हाथी
अश्व द्वार – घोड़ा
गरूड़ द्वार – पक्षियों के राजा गरूड़
मकर द्वार – पौराणिक समुद्री जीव
शार्दूल द्वार – शेर के सिर वाला प्राणी
हंस द्वार – हंस
इस प्रकार, इसे जीव-जन्तुओं के संरक्षण के लिए भी एक अनूठी मिसाल के रूप में प्रस्तुत किया गया है.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, पुनीत कांवटिया, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अंशुल रिंगसिया एवं बिनोद शर्मा ने भी नये संसद भवन की तारीफ की.
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