उदितवाणी, चाईबासा: भारतीय भाषाओं के प्रति उत्साह और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से महिला कॉलेज के इतिहास विभाग और हिंदी विभाग द्वारा भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन किया गया. यह आयोजन बुधवार को महान राष्ट्रवादी कवि, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक सुब्रमण्यम भारती की 143वीं जयंती पर किया गया.
कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्या डॉ. प्रीतिबाला सिन्हा ने की, जिन्होंने भारतीय भाषाओं के महत्व पर प्रकाश डाला और इसके प्रचार-प्रसार में विशेष योगदान की आवश्यकता जताई.
सुब्रमण्यम भारती के योगदान पर चर्चा
कार्यक्रम में इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अमृता जायसवाल ने सुब्रमण्यम भारती के जीवन और उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि भारती ने भारतीय भाषाओं के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनकी लेखनी ने समाज सुधार में योगदान किया.
भाषा के महत्व पर चर्चा
कार्यक्रम में डॉ. अंजना सिंह ने भाषाओं के महत्व पर और क्षेत्रीय भाषाओं को विकसित करने की आवश्यकता पर विचार व्यक्त किए. उन्होंने बताया कि भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान और उनका संरक्षण जरूरी है.
हिंदी और मातृभाषा की भूमिका
हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुचिता बाड़ा ने हिंदी की भूमिका और मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि हिंदी भाषा के विकास के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं का संरक्षण भी आवश्यक है.
शिक्षा में भाषा का महत्व
अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. प्रशांत खरे ने शिक्षा में भाषा के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि भाषा एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जिसके जरिए हम अपने विचारों, संस्कृति और ज्ञान को आगे बढ़ा सकते हैं.
कार्यक्रम के अंत में सभी वक्ताओं ने भारतीय भाषाओं के संरक्षण और प्रचार के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
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