उदित वाणी, जमशेदपुर: रविवार को झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, नारायणपुर गांव (बनकाटी पंचायत) में एक सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेकर लौट रहे थे. तभी जोजोगोड़ा गांव के समीप का दृश्य प्रशासनिक दृष्टि से चौंकाने वाला, और सामाजिक दृष्टि से प्रेरणादायक बन गया.
हिम्मत के साथ महिलाओं ने रोका काफिला
जोजोगोड़ा की दर्जनों ग्रामीण महिलाएं अचानक सड़क पर आकर मंत्री का काफिला रोक खड़ी हुईं. उन्होंने अपने गांव की अनदेखी होती समस्याओं पर खुलकर आवाज उठाई. उन्होंने बताया कि आज भी कई परिवार अबुआ आवास योजना से वंचित हैं. वर्षों से पक्का मकान सपना बना हुआ है.
गर्मी की मार और टूटी उम्मीदें
महिलाओं ने बताया कि गांव का ट्रांसफार्मर महीनों पहले जल गया था. भीषण गर्मी में बिजली के बिना हालात बद से बदतर हो चुके हैं. रही-सही कसर पानी की किल्लत ने पूरी कर दी है. अधिकांश चापाकल या तो खराब हैं या पर्याप्त गहराई में नहीं. महिलाओं को रोज़ाना कई किलोमीटर दूर से पानी ढोना पड़ता है.
मंत्री ने ध्यानपूर्वक सुनी व्यथा, दिया त्वरित कार्रवाई का आश्वासन
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने महिलाओं की बातें गंभीरता से सुनीं. उन्होंने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने की बात कही और कहा कि इन समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा.
सामाजिक चेतना की नई मिसाल
जोजोगोड़ा की महिलाओं का यह शांतिपूर्ण प्रतिकार इस बात का संकेत है कि ग्रामीण भारत की नारी शक्ति अब जागरूक है, संगठित है और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने को तैयार भी. यह पहल न केवल उनके गांव के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक उदाहरण बन गई है.
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