उदित वाणी, जमशेदपुर: पटमदा प्रखंड की बांगुड़दा पंचायत स्थित माकुला गांव की प्रमिला सबर आज आत्मनिर्भरता और सामाजिक नेतृत्व की मिसाल बन चुकी हैं. उन्होंने वर्ष 2016 में एक स्वयं सहायता समूह से जुड़कर यह यात्रा शुरू की थी. तब वे निर्णय लेने में हिचकिचाती थीं, लेकिन समूह के माध्यम से उन्हें सरकारी योजनाओं की जानकारी मिली और आगे बढ़ने का विश्वास भी.
सरकारी योजनाओं से मिली नई दिशा
समूह से जुड़ने के बाद प्रमिला को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला. घर निर्माण के लिए उन्होंने समिति से ऋण लेकर खुद का घर बनवाया. यह उनके आत्मविश्वास का पहला बड़ा मुकाम था.
परिवार की जिम्मेदारियों में बनीं समर्थ
समूह से प्राप्त आर्थिक सहायता का उपयोग उन्होंने अपनी दोनों बेटियों की शादी में किया. अब वह नियमित रूप से ऋण चुका रही हैं. वे स्थानीय स्तर पर मजदूरी और छोटे काम कर रहीं हैं, जिससे घर की छोटी जरूरतें बिना किसी बाहरी सहायता के पूरी हो जाती हैं.
गांव की महिलाओं को दे रहीं नई प्रेरणा
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत ग्राम सभा की सक्रियता, महिला नेतृत्व और सामाजिक सहभागिता को बल मिला है. प्रमिला अब गांव की अन्य महिलाओं को भी समूह से जुड़ने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं. उन्होंने महिला सशक्तिकरण को व्यवहार में उतारकर दिखाया है.
नेतृत्व की नई पहचान
पीएम जन.मन योजना और धरती आबा अभियान ने प्रमिला सबर जैसे कई महिलाओं को नेतृत्व की क्षमता दी है. यह उदाहरण साबित करता है कि यदि सही संसाधन, जानकारी और सहयोग मिले, तो जनजातीय समुदाय की महिलाएं भी सामाजिक और आर्थिक बदलाव की अग्रदूत बन सकती हैं.
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