उदित वाणी, जमशेदपुर : राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) जमशेदपुर ने स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने और उन्हें वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार की दुनिया से परिचित कराने के उद्देश्य से स्कूली छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रयोगशाला भ्रमण का आयोजन किया. यह कार्यक्रम सीएसआईआर-जिज्ञासा वर्चुअल प्रयोगशाला परियोजना के तहत आयोजित किया गया था. टीएमएम प्लस टू हाई स्कूल, कराडूबा (घाटशिला), पूर्वी सिंहभूम के 29 छात्रों ने सीएसआईआर-एनएमएल का दौरा किया. उनके साथ कुल 4 शिक्षक थे. एमएवी प्लस टू हाई स्कूल, मटियाबांधी (चाकुलिया), पूर्वी सिंहभूम के 30 छात्र भी सीएसआईआर-एनएमएल का दौरा करने आए. उनके साथ कुल 4 शिक्षक थे.
निदेशक ने बच्चों का स्वागत किया
एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने कार्यक्रम में शामिल होने वाले बच्चों का स्वागत किया और पिछले 82 वर्षों में विभिन्न तकनीकी विकास और अग्रणी कार्यों के माध्यम से देश के विकास में सीएसआईआर के योगदान के बारे में संक्षेप में बताया. स्वागत भाषण के बाद आईएमडीसी की मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. शर्मिष्ठा पालित सागर ने सीएसआईआर-एनएमएल के महत्व तथा सीएसआईआर प्रयोगशाला में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों पर चर्चा की. इसके बाद आईएमडीसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनिमेष जाना ने जिज्ञासा कार्यक्रम के उद्देश्य तथा इसकी विभिन्न गतिविधियों के बारे में भी चर्चा की.
बच्चों ने प्रयोगशाला और संग्रहालय को देखा
कार्यक्रम में विश्लेषणात्मक एवं अनुप्रयुक्त रसायन विज्ञान, पीतल प्रगलन, शहरी अयस्क-पुनर्चक्रण, क्रीप, लौह/इस्पात निर्माण प्रयोगशाला और संग्रहालय जैसी कुछ अनुसंधान प्रयोगशालाओं का दौरा शामिल था. इस कार्यक्रम में डॉ. शीतल कुमार पाल, प्रमुख, आरपीबीडी द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर कुछ दिलचस्प लोकप्रिय व्याख्यान श्रृंखला भी शामिल थी, उसके बाद डॉ. के गोपाल कृष्ण, मुख्य वैज्ञानिक द्वारा महत्वपूर्ण आविष्कार जिसने सभ्यता को बदल दिया विषय पर व्याख्यान दिया गया, फिर डॉ. रश्मि सिंगला (वरिष्ठ वैज्ञानिक) द्वारा अपशिष्ट से धन विषय पर अगला व्याख्यान दिया गया और अंत में डॉ. श्रीदा पी., वरिष्ठ वैज्ञानिक, आरपीबीडी द्वारा विज्ञान एक कैरियर विषय पर व्याख्यान दिया गया. कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और समूह फोटोग्राफ के साथ हुआ. कुल मिलाकर छात्रों और शिक्षकों ने प्रयोगशाला भ्रमण और शोध गतिविधियों के प्रदर्शन के दौरान प्राप्त ज्ञानवर्धक अनुभव पर अपनी अत्यधिक संतुष्टि व्यक्त की.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।