- झारखंड बना मातृ-शिशु स्वास्थ्य सुधार का नया मॉडल, मातृ मृत्यु दर में ऐतिहासिक गिरावट
नई दिल्ली: भारत ने मातृ और शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत सतत विकास लक्ष्यों (SDG 2030) की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. हाल ही में जारी ‘सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) रिपोर्ट 2021’ से यह संकेत मिलता है कि मातृ मृत्यु दर (MMR), शिशु मृत्यु दर (IMR), नवजात मृत्यु दर (NMR) और पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) में उल्लेखनीय कमी आई है.
वैश्विक औसत से बेहतर प्रदर्शन
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत की यह प्रगति वैश्विक औसत से अधिक है. यह सुधार सरकार की ठोस नीति, रणनीतिक हस्तक्षेप और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उसकी अडिग प्रतिबद्धता का परिणाम है.
संख्यात्मक प्रगति के आंकड़े
मातृ मृत्यु दर (MMR): 2014-16 में 130 से घटकर 2019-21 में 93
शिशु मृत्यु दर (IMR): 2014 में 39 से घटकर 2021 में 27
नवजात मृत्यु दर (NMR): 2014 में 26 से घटकर 2021 में 19
पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR): 2014 में 45 से घटकर 2021 में 31
लिंग अनुपात और प्रजनन दर में भी सुधार
2014 में जन्म के समय लिंग अनुपात 899 था, जो 2021 में बढ़कर 913 हो गया. कुल प्रजनन दर (TFR) 2014 में 2.3 थी, जो 2021 में घटकर 2.0 हो गई है.
किन राज्यों ने लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिए?
मातृ मृत्यु दर के SDG लक्ष्य में सफल राज्य:
केरल (20), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (45), आंध्र प्रदेश (46), तमिलनाडु (49), झारखंड (51), गुजरात (53), कर्नाटक (63)
U5MR लक्ष्य हासिल करने वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश:
केरल (8), दिल्ली (14), तमिलनाडु (14), जम्मू-कश्मीर (16), महाराष्ट्र (16), पश्चिम बंगाल (20), कर्नाटक (21), पंजाब (22), तेलंगाना (22), हिमाचल प्रदेश (23), आंध्र प्रदेश (24), गुजरात (24)
NMR के लक्ष्यों में अव्वल राज्य:
केरल (4), दिल्ली (8), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू-कश्मीर (12), हिमाचल प्रदेश (12)
सरकार की योजनाओं का असर
मंत्रालय का कहना है कि यह सफलता केंद्र व राज्य सरकारों की गरिमामयी, समर्पित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभाव का प्रमाण है.
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