नई दिल्ली: योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवनशैली में संतुलन लाने का मार्ग है. यह न केवल शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करता है. इन्हीं लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने ‘कॉमन योग प्रोटोकॉल’ (CYP) को अपनाने की सिफारिश की है.
क्या है ‘कॉमन योग प्रोटोकॉल’?
कॉमन योग प्रोटोकॉल एक सुव्यवस्थित दिनचर्या है, जिसमें सांस लेने, शरीर को खींचने (स्ट्रेच) और ध्यान केंद्रित करने की क्रियाएं शामिल हैं. इसे तीन भागों में समझाया गया है – ब्रेथ, स्ट्रेच और ट्रांसफॉर्म. अर्थात – सांस के माध्यम से शरीर को ऊर्जा देना, मांसपेशियों को लचीला बनाना और अंततः व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव लाना.
कैसे करें शुरुआत?
इस प्रोटोकॉल की शुरुआत कुछ सरल आसनों, श्वसन क्रियाओं और ध्यान से होती है. इनसे न केवल शरीर में लचीलापन आता है, बल्कि मन की एकाग्रता भी बढ़ती है. ये अभ्यास खड़े होकर या बैठकर, दोनों ही तरीकों से किए जा सकते हैं.
CYP के चार मुख्य चरण
आगे-पीछे झुकाव और खिंचाव
बाईं-दाईं ओर शरीर को झुकाना और खींचना
गर्दन, सिर और धड़ का बाईं-दाईं ओर घुमाव
गर्दन का चारों दिशाओं में घुमाव
ये सभी क्रियाएं शरीर और मस्तिष्क को संतुलित और सक्रिय रखने में सहायक होती हैं.
शिथिलता अभ्यास: जोड़ों को बनाएं योग के अनुकूल
मुख्य अभ्यास से पहले शिथिलता अभ्यास कराना आवश्यक माना गया है. इसमें ग्रीवा चालन (गर्दन की गति), कंधे, कमर और घुटनों का संचालन शामिल होता है. इन क्रियाओं से शरीर किसी भी योगासन को सहज रूप से करने के लिए तैयार हो जाता है.
कौन-सी परेशानियों में मिलता है लाभ?
इस योग प्रोटोकॉल को नियमित रूप से अपनाने से सर्वाइकल, तनाव, मांसपेशियों की अकड़न, पीठ-दर्द और श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है. साथ ही मन को भी गहन शांति प्राप्त होती है. हर अभ्यास को 5 से 10 बार दोहराना चाहिए.
(IANS)
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