उदित वाणी, धनबाद: धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक महिला के पेट से 7.5 किलोग्राम वजनी स्प्लीन ट्यूमर निकालकर डॉ. अली जैद अनवर ने चिकित्सा इतिहास में एक अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज की है. यह न केवल सर्जरी की सफलता है, बल्कि झारखंड की चिकित्सा क्षमता और समर्पण का प्रतीक भी बन चुका है.
विश्व रिकॉर्ड को दी चुनौती
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफ़ान अंसारी ने जानकारी दी कि अब तक किसी महिला के शरीर से निकाले गए सबसे बड़े स्प्लीन का वजन 2.5 किलोग्राम दर्ज था. ऐसे में 7.5 किलोग्राम का यह ट्यूमर वैश्विक चिकित्सा मानकों को चुनौती देता है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में इसे दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
डॉक्टरों का सम्मान, राज्य की प्राथमिकता
मंत्री अंसारी ने कहा कि “यह जीत केवल एक डॉक्टर की नहीं, बल्कि पूरे राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली की है. मैं पहले ही कह चुका हूं कि जो डॉक्टर ईमानदारी से काम करेंगे, उनका सम्मान सुनिश्चित है. डॉ. अनवर इसके जीवंत उदाहरण हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टरों का मनोबल बढ़ाना और उन्हें सम्मानित करना उनकी जिम्मेदारी है.
अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना मेरा संकल्प
स्वास्थ्य मंत्री ने दोहराया कि झारखंड के हर कोने तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना उनका लक्ष्य है. उन्होंने कहा, “मैं डॉक्टर जरूर हूं, लेकिन पहले एक सेवक हूं. स्वास्थ्य विभाग में सुधार धीरे-धीरे होगा, लेकिन हर ईमानदार प्रयास का मैं स्वागत करूंगा. किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
आलोचना से नहीं डरता, सुधार का अवसर मानता हूं
डॉ. अंसारी ने कहा कि वे आलोचना से घबराते नहीं हैं, बल्कि उसे सुधार का माध्यम मानते हैं. उनका मानना है कि व्यवस्था रातोंरात नहीं बदल सकती, लेकिन यह ऐतिहासिक उपलब्धि इस दिशा में उठाया गया ठोस कदम है. इस सर्जरी ने झारखंड को वैश्विक चिकित्सा मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाई है.
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