नई दिल्ली: भिंडी यानी ‘लेडीज फिंगर’ या ‘ओकरा’—नाम चाहे जो हो, यह हरी और लंबी सब्जी गर्मियों के मौसम के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती है. स्वादिष्ट होने के साथ-साथ यह पोषण का भी खजाना है. इसमें भरपूर फाइबर, विटामिन A और C के अलावा पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे खनिज तत्व भी मौजूद होते हैं. ठंडी तासीर और सुपाच्य गुणों के कारण यह शरीर को गर्मी में ठंडा रखने में मदद करती है.
भिंडी की ऐतिहासिक और वैश्विक अहमियत
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित 2021 के एक अध्ययन के अनुसार, ओकरा की उत्पत्ति इथियोपिया के आसपास मानी जाती है. इसे 12वीं शताब्दी में मिस्र में उगाया गया और फिर यह मध्य पूर्व व उत्तरी अफ्रीका में फैल गई. आज यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की एक प्रमुख फसल बन चुकी है, जो स्वाद और उपयोगिता दोनों के लिए जानी जाती है.
रसोई से लेकर औद्योगिक उपयोग तक
भिंडी की कोमल फलियों से स्वादिष्ट सब्जी बनाई जाती है, जबकि इसके अर्क का उपयोग सूप और सॉस में गाढ़ापन लाने के लिए किया जाता है. इतना ही नहीं, अचार उद्योग में भी भिंडी का प्रयोग होता है. यह इसकी बहुउपयोगिता को दर्शाता है.
सेहत के लिए लाभकारी
भिंडी पाचनतंत्र को मजबूत बनाती है. इसमें मौजूद फाइबर पेट की समस्याओं जैसे कब्ज, वात और गैस से राहत दिलाते हैं. यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है. मधुमेह से ग्रस्त लोगों के लिए भी यह उपयोगी है. इसमें मौजूद ग्लाइसेमिक तत्व ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी सहायक
भिंडी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं. इसके नियमित सेवन से शरीर को संक्रामक रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है. साथ ही, भिंडी का पानी पीना पेट को ठंडा रखने में मदद करता है.
(IANS)
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