उदित वाणी, नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को अद्यतन रखने के उद्देश्य से एक अहम तकनीकी पहल की शुरुआत की है. आयोग अब भारत के महापंजीयक (Registrar General of India) से मृत्यु पंजीकरण का डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करेगा. यह व्यवस्था मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 9 तथा जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (संशोधित 2023) के प्रावधानों के अनुरूप होगी. इससे निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को किसी व्यक्ति की मृत्यु की जानकारी समय पर मिल सकेगी और बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) बिना किसी औपचारिक अनुरोध के फॉर्म 7 के अंतर्गत स्वतः कार्रवाई कर सकेंगे. यह प्रक्रिया मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित बनाए रखने में कारगर सिद्ध होगी.
BLO को मिलेगा पहचान पत्र, भरोसा बढ़ेगा
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13बी(2) के तहत नियुक्त सभी BLO को मानक फोटो पहचान पत्र उपलब्ध कराए जाएं. इससे मतदाता सत्यापन व पंजीकरण अभियानों के दौरान आम नागरिक BLO को आसानी से पहचान सकेंगे और उनके साथ विश्वासपूर्वक संवाद कर सकेंगे. BLO मतदाता और चुनाव आयोग के बीच प्रथम संपर्क कड़ी होते हैं. ऐसे में उनकी पहचान स्पष्ट होना जनसंपर्क की दृष्टि से भी अत्यंत आवश्यक है.
वोटर स्लिप का डिज़ाइन बदलेगा, पढ़ने में होगी आसानी
आयोग ने मतदाता सूचना पर्ची (Voter Information Slip – VIS) को और अधिक नागरिक-हितैषी बनाने के लिए इसके डिजाइन में संशोधन करने का निर्णय लिया है. अब इस पर्ची में मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या को प्रमुखता से दर्शाया जाएगा, साथ ही फ़ॉन्ट का आकार भी बढ़ाया जाएगा. इससे मतदाताओं को अपना मतदान केंद्र ढूंढना सरल होगा और मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में उनका नाम ढूंढना ज्यादा कुशलतापूर्वक हो सकेगा.
क्या यह पहलें चुनावी प्रक्रियाओं में लाएँगी विश्वास की नई लहर?
भारत निर्वाचन आयोग की ये तीनों पहलें देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, भरोसेमंद और नागरिकों के लिए सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं.
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