उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष पद के चुनाव में सुरेश चन्द्र अग्रवाल ने अपने प्रतिद्वंदी वसंत मित्तल को हराते हुए विजय हासिल की है. सुरेश चंद्र अग्रवाल मृदुभाषी, अनुशासनप्रिय और त्वरित निर्णय क्षमता वाले कर्मठ व्यक्तित्व हैं. वे पिछले चालीस वर्षों से सामाजिक, धार्मिक और जनसेवा के विविध क्षेत्रों में सक्रिय हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरण संरक्षण और आपदा राहत के क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है. अनेक गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करना और निर्धन परिवारों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना उनकी सेवा यात्रा की प्रमुख उपलब्धियां हैं.
मारवाड़ी समाज के सशक्तीकरण में अग्रणी भूमिका
मारवाड़ी समाज को संगठित करने और युवा पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने के लिए उन्होंने अनेक नवाचार किए. पारदर्शिता और समावेशिता को सदैव प्राथमिकता दी. रांची जिला अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल में अन्नपूर्णा सेवा केंद्रों की स्थापना हुई, जहां प्रतिदिन 500 से अधिक जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
इसके अलावा, उनका कार्यकाल कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों से भरा रहा — जैसे जिला का स्वयं का संविधान बनाना, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कंबल वितरण, कोरोना काल में नि:शुल्क ऑक्सीजन सेवा और मशीन चालित मुक्ति धाम का निर्माण कराना.
विविध संगठनों में सक्रिय नेतृत्व
अग्रवाल अग्रवाल सभा, मारवाड़ी सहायक समिति, लायंस क्लब रांची ईस्ट, रोहिणी साइंस क्लब और जूनियर चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. साथ ही, झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स, झारखंड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडर्स एसोसिएशन और झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जैसे संगठनों में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उन्होंने विशिष्ट कार्य किए हैं. वर्तमान में वे पर्यटन विभाग झारखंड सरकार, फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और रांची रेलवे स्टेशन परामर्श दात्री समिति के सदस्य भी हैं.
सम्मेलन को नई दिशा देने की रूपरेखा प्रस्तुत
सुरेश चंद्र अग्रवाल ने अपनी प्राथमिक योजनाओं का खाका भी प्रस्तुत किया है, जिनमें शामिल हैं:
सम्मेलन के संविधान में व्याप्त अनियमितताओं को दूर करना
प्रत्येक जिले से कार्यकारिणी अनुमोदित उपाध्यक्ष नियुक्त कर प्रांत से सीधा संपर्क स्थापित करना
राजस्थान पर मारवाड़ी पंचायत की प्रभावी स्थापना
प्रत्येक जिला सम्मेलन में स्थायी परियोजनाएं विकसित करना (जैसे छात्रावास, चिकित्सालय आदि)
वैवाहिक वेबसाइट का निर्माण
सम्मेलन का अपना स्थायी कार्यालय बनाना
स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक योजनाओं का क्रियान्वयन
प्रमंडलीय स्तर पर आईएएस/आईपीएस कोचिंग संस्थान स्थापित करना
संस्कृति एवं भाषा संरक्षण हेतु प्रकोष्ठ गठन करना
नए सदस्यों का अभियान चलाकर संगठन का विस्तार करना
उत्कृष्ट कार्य करने वालों का अधिवेशन में सम्मान करना
सर्व सुविधायुक्त वेबसाइट और निःशुल्क विधिक सलाह पैनल का गठन
जिला स्तर पर समाज की जनगणना कराने का प्रयास
खेलकूद एवं युवा प्रकोष्ठ का गठन
समाज के लोगों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व दिलाने का प्रयास
दायित्व बोध से परिपूर्ण नेतृत्व का संकल्प
सुरेश चंद्र अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि प्रांतीय अध्यक्ष पद उनके लिए दायित्व है, अधिकार नहीं. उनका संकल्प है कि सम्मेलन को एक नई दिशा दी जाए, जिसमें युवा, महिला एवं वरिष्ठ सदस्य सभी की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो. समाज उन्हें एक ऐसे योग्य, निःस्वार्थ और अनुभवी नेतृत्वकर्ता के रूप में देख रहा है, जो संगठनात्मक मजबूती के साथ सामाजिक सरोकारों को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सक्षम हैं.
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