उदित वाणी, नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2023 बैच के प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों के साथ एक प्रेरक वार्ता में महिला अधिकारियों की रिकॉर्ड भागीदारी की सराहना की. इस वर्ष 180 अधिकारियों के बैच में 74 महिलाएं शामिल हैं, जो कुल प्रतिनिधित्व का लगभग 41 प्रतिशत है. यह भारतीय प्रशासनिक सेवा के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक महिला भागीदारी है.
सहायक सचिव कार्यक्रम का हिस्सा थी वार्ता
यह संवाद चल रहे सहायक सचिव कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में प्रशिक्षु अधिकारियों को 1 अप्रैल से 30 मई, 2025 तक 8 सप्ताह के लिए 46 केंद्रीय मंत्रालयों से संबद्ध किया गया है, जिससे वे केंद्र सरकार के कामकाज और नीति निर्माण की बारीकियों को समझ सकें.
मोदी सरकार के नेतृत्व में महिलाओं को नया मंच
डॉ. सिंह ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शुरू से ही महिला सशक्तिकरण के प्रबल पक्षधर रहे हैं और यह रिकॉर्ड प्रतिनिधित्व समावेशी शासन के प्रति उनके दृष्टिकोण का प्रमाण है.
प्रशासनिक अनुभव की शुरुआत से ही सशक्तिकरण
उन्होंने 2015 में शुरू हुए सहायक सचिव कार्यक्रम को प्रधानमंत्री की पहल बताते हुए कहा कि इससे युवा अधिकारियों को करियर के प्रारंभ में ही वास्तविक शासन का अनुभव मिलता है. उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान कई प्रशिक्षु अधिकारियों ने जिला स्तर पर संकट प्रबंधन में उल्लेखनीय भूमिका निभाई.
विविधता और तकनीकी पृष्ठभूमि वाले अधिकारी
डॉ. सिंह ने इस बैच की विविधता पर प्रसन्नता जताई. उन्होंने बताया कि 99 अधिकारी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से हैं, जबकि अन्य चिकित्सा और तकनीकी क्षेत्रों से आते हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटीज जैसे तकनीकी कार्यक्रमों में इनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी.
युवा ऊर्जा और दीर्घकालिक सेवा
22 से 26 वर्ष की आयु वाले इन अधिकारियों की युवा ऊर्जा की सराहना करते हुए उन्होंने इसे राष्ट्र निर्माण में दीर्घकालिक निवेश बताया. उन्होंने प्रशिक्षुओं को iGOT कर्मयोगी जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का पूरा लाभ उठाने की सलाह दी.
शासन में लचीलापन और अनुभव का संगम
डॉ. सिंह ने शासन प्रणाली को अधिक लचीला बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि अधिकारियों को कुछ वर्षों के लिए सरकार के बाहर कार्य अनुभव लेने और विशेषज्ञता के साथ पुनः वापसी की अनुमति दी जा सकती है.
डिजिटल सशक्तिकरण और तकनीक की समानता
प्रौद्योगिकी को समान अवसर देने वाला बताते हुए उन्होंने स्वामित्व योजना का उदाहरण दिया, जिसमें ड्रोन आधारित संपत्ति मानचित्रण से जमीनी सेवा वितरण में सुधार हुआ है.
शिकायत निवारण प्रणाली की वैश्विक सराहना
सीपीजीआरएएमएस प्लेटफॉर्म की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि अब तक 26 लाख शिकायतों का 98 प्रतिशत निपटारा हुआ है, जिनमें अधिकांश शिकायतें 13 दिनों के भीतर हल की गई हैं. उन्होंने मानवीय पहलू की महत्ता को रेखांकित करते हुए ‘मानव डेस्क’ की बात की, जो तकनीकी समाधान के साथ भावनात्मक संतुष्टि भी देता है.
सेवा का भाव और अंत्योदय की भावना
डॉ. सिंह ने प्रशिक्षुओं को सेवा, निष्ठा और जवाबदेही के उच्च मानदंडों को बनाए रखने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि उनका कार्य अंतिम पंक्ति के नागरिक तक पहुंचना चाहिए और उनके प्रयास करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करें.
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