उदित वाणी, मुंबई: कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार सोमवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. हालांकि, राहत की बात यह है कि आखिरी कारोबारी घंटे में बाजार में रिकवरी देखने को मिली.
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 2,226.79 अंक या 2.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,137.90 और निफ्टी 742.85 अंक या 3.24 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,161.60 पर बंद हुआ.
दिन के दौरान, सेंसेक्स ने 71,425 का न्यूनतम स्तर और 73,403 का उच्चतम स्तर छुआ. निफ्टी ने 21,743 का न्यूनतम स्तर और 22,254 का उच्चतम स्तर छुआ.
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में बड़ी गिरावट हुई. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,836.50 अंक या 3.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,809.45 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 608.05 अंक या 3.88 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 15,067 पर था. भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव दर्शाने वाला इंडेक्स इंडिया विक्स में 65 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई और यह 22.79 पर बंद हुआ.
NSE के सभी सूचकांक लाल निशान में बंद हुए. ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, रियल्टी और इन्फ्रा में सबसे अधिक गिरावट हुई.
सेंसेक्स पैक में 30 में से 29 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं. टाटा स्टील, एलएंडटी, टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, एमएंडएम, इन्फोसिस, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक , रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल और बजाज फिनसर्व टॉप लूजर्स थे. एचयूएल ही मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ.
गिरावट के कारण BSE पर लिस्टेड सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 13.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटकर 389.87 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
अमेरिका और अन्य बड़े देशों में ट्रेड वार की आंशका को गिरावट का मुख्य कारण माना जा रहा है . आईटी और मेटल में सबसे अधिक गिरावट हुई. इसकी वजह अमेरिका में मंदी आने की संभावना है.
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