उदित वाणी, रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक , एटीएस, रांची को निलंबित कर दिया है. उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने के प्रस्ताव को भी मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री ने इस कार्रवाई का आदेश देते हुए कहा कि प्रदीप कुमार के आचरण और कृत्यों के कारण पुलिस की गरिमा और छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
युवक के गंभीर आरोप
इस पूरे मामले की शुरुआत उस समय हुई, जब बिहार के औरंगाबाद जिले के एक युवक ने एटीएस के तत्कालीन डीएसपी प्रदीप कुमार पर गंभीर आरोप लगाए. युवक का कहना था कि डीएसपी ने उसकी पत्नी से नजदीकी संबंध बनाए थे और रात-रातभर उसे फोन पर बात करने के लिए मजबूर करते थे. युवक द्वारा विरोध किए जाने पर, डीएसपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी.
जातिसूचक शब्दों का प्रयोग
युवक ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदीप कुमार ने उसे जातिसूचक शब्दों से गालियाँ दी थीं. इसके अलावा, डीएसपी उस पर अपनी पत्नी को तलाक देने का दबाव बना रहे थे और न मानने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे थे. युवक का कहना है कि इन धमकियों और हरकतों ने उसके दांपत्य जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया और वह मानसिक रूप से परेशान हो गया था.
शिकायत और सरकार की कार्रवाई
युवक ने इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत झारखंड सरकार के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग और पुलिस मुख्यालय से की थी. सरकार ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय टीम गठित की.
जांच और निलंबन
गठित टीम की रिपोर्ट के बाद, मुख्यमंत्री ने प्रदीप कुमार को निलंबित करने के साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इस टीम में एडीजी प्रशिक्षण एवं आधुनिकीकरण, सुमन गुप्ता की अध्यक्षता में सीआईडी के आईजी असीम विक्रांत मिंज और रांची के डीआईजी अनूप बिरथरे भी शामिल थे.
गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर
हाल ही झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को एटीएस के तत्कालीन डीएसपी प्रदीप कुमार ने एक खतरनाक एनकाउंटर में मार गिराया था. इससे पहले, झारखंड पुलिस के इनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रमोद कुमार सिंह उर्फ पीके सिंह ने 2022 में धनबाद के बैंक मोड़ में एक साहसिक कार्य किया था.उन्होंने मुथूट फाइनेंस में डकैती की कोशिश को नाकाम करते हुए, अकेले दम पर अपराधियों का सफल एनकाउंटर किया था. यह कार्रवाई उनकी बहादुरी और पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिन्होंने अकेले ही आपराधिक तत्वों को शिकस्त दी. ATS डीएसपी प्रमोद सिंह काफी जाबांज पुलिस अधिकारी माने जाते हैं. प्रमोद सिंह ने साल 2003 – 2004 में उसी थाना के थानेदार रह चुके हैं. चैनपुर के थानेदार रहते हुए प्रमोद सिंह ने घटनास्थल के महज कुछ की दूरी पर ही 2004 में 3 सड़क लुटेरों का एनकाउंटर किया था. साथ ही मगरदाहा घाटी में 2 अपराधियों का एनकाउंटर किया था. वहीं, हाल के कुछ वर्ष पहले धनबाद में इंस्पेक्टर रहते बैंक लुटेरों का एनकाउंटर किया था.
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