उदित वाणी, नई दिल्ली: केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में भारतीय रेलवे के कार्यों पर विस्तृत चर्चा करते हुए इसके ऐतिहासिक योगदान और आगामी योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने भारतीय रेल की उपलब्धियों और भविष्य में इसे और अधिक प्रगति की दिशा में ले जाने के लिए उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला.
किफायती और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का प्रदर्शन
वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे न केवल किफायती किराए पर सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत में रेलवे के किराए की तुलना में पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में यह कम हैं, जबकि पश्चिमी देशों में भारतीय रेलवे के किराए 10 से 20 गुना अधिक हैं.
सब्सिडी और वित्तीय स्थिति
रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों को दी जाने वाली सब्सिडी अत्यधिक है. उन्होंने कहा कि ट्रेन से प्रति किलोमीटर यात्रा की लागत ₹1.38 है, जबकि यात्रियों से केवल 73 पैसे लिए जाते हैं, यानी लगभग 47% सब्सिडी दी जा रही है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में ₹57,000 करोड़ की सब्सिडी दी गई थी, जो 2023-24 में बढ़कर ₹60,000 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. यह कदम भारतीय रेल की सेवा को और अधिक सुलभ बनाने के लिए उठाए गए हैं.
रेल विद्युतीकरण और पर्यावरणीय लक्ष्यों की ओर कदम
केंद्रीय मंत्री ने रेल विद्युतीकरण के लाभों पर चर्चा करते हुए बताया कि यात्रियों और माल परिवहन की बढ़ती संख्या के बावजूद ऊर्जा खर्च स्थिर बना हुआ है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे 2025 तक ‘स्कोप 1 नेट जीरो’ और 2030 तक ‘स्कोप 2 नेट जीरो’ प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम कर रही है. इसके अलावा, बिहार के मढ़ौरा कारखाने में निर्मित लोकोमोटिव का जल्द ही निर्यात शुरू होने वाला है, और भारत से मोज़ाम्बिक, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे देशों में कोच और लोकोमोटिव निर्यात किए जा रहे हैं.
भारतीय रेलवे का वैश्विक योगदान
वैष्णव ने बताया कि इस वर्ष भारत में 1,400 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ है, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है. इसके साथ ही, 2 लाख नए वैगन बेड़े में जोड़े गए हैं. भारतीय रेलवे द्वारा 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में 1.6 बिलियन टन कार्गो ढुलाई की जाएगी, जो इसे दुनिया के शीर्ष 3 देशों में शामिल करेगा, जिसमें चीन, अमेरिका और भारत प्रमुख होंगे.
रेल सुरक्षा और तकनीकी सुधार
रेल मंत्री ने राज्यसभा में घोषणा की कि भारतीय रेलवे सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रहा है. 41,000 LHB कोच तैयार किए गए हैं, और सभी ICF कोच को LHB कोच में बदला जाएगा. इसके साथ ही लंबी रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस और ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली को तेजी से लागू किया जा रहा है.
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हादसा और जांच प्रक्रिया
हाल ही में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे पर केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि इस मामले की उच्च-स्तरीय जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि सभी डेटा, CCTV फुटेज सुरक्षित किए गए हैं और लगभग 300 लोगों से बातचीत की जा रही है ताकि सही तथ्यों का पता चल सके. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं.
गरीबों के लिए रेलवे की प्रतिबद्धता
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार गरीब से गरीब व्यक्ति को सर्वोत्तम सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके तहत जनरल कोचों की संख्या को एसी कोचों की तुलना में ढाई गुना बढ़ाया जा रहा है. वर्तमान प्रोडक्शन योजना के अनुसार 17,000 नॉन-एसी कोचों का निर्माण किया जा रहा है.
भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति
वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति अब पहले से कहीं बेहतर है. रेलवे ने कोविड महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है और अब इसका राजस्व लगभग ₹2 लाख 78 हजार करोड़ है, जबकि खर्च ₹2 लाख 75 हजार करोड़ है. रेलवे अब अपने बड़े खर्चों को अपने स्वयं के आय से पूरा कर रही है, जो इसके बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है.
केंद्रीय मंत्री ने विश्वास जताया कि भारतीय रेलवे भविष्य में और अधिक आधुनिक, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन प्रणाली के रूप में उभरेगा.
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