उदित वाणी, चांडिल: बाल श्रम के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए बुधवार को जिला बाल कल्याण समिति, सरायकेला की अगुवाई में एक विशेष अभियान चलाया गया. इस दौरान अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न प्रतिष्ठानों और मोटर गैरेज में छापेमारी कर नाबालिग श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया.
ट्रक और मोटर गैरेज से नाबालिगों को कराया गया मुक्त
संयुक्त टीम ने चांडिल और आसपास के इलाकों में छापेमारी कर कुल तीन नाबालिग बच्चों को मुक्त कराया.
शहरबेड़ा, चांडिल गोलचक्कर स्थित ट्रक गैरेज से 13 वर्षीय बच्चा
अमर ऑटो से 13 वर्षीय बच्चा
नीमडीह, रघुनाथपुर स्थित मोटर साइकिल गैरेज से दो बच्चे
रेस्क्यू किए गए बच्चों को उनके माता-पिता और अभिभावकों को सौंप दिया गया.
संचालकों को कड़ी चेतावनी, बच्चों के अधिकारों पर जागरूकता की जरूरत
छापेमारी के दौरान संस्थानों के संचालकों को कड़ी चेतावनी दी गई और भविष्य में बाल श्रम न कराने का निर्देश दिया गया. अभियान का नेतृत्व कर रहे सैयद अयाज़ हैदर ने बताया कि यह मुहिम लगातार जारी रहेगी ताकि लोगों को बाल श्रम के दुष्प्रभाव और बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी लोगों में बाल अधिकारों की जानकारी की कमी है, जिसके कारण अनजाने में नाबालिग बच्चों से काम करवाया जा रहा है.
सरकारी योजनाओं से जोड़े जाएंगे रेस्क्यू किए गए बच्चे
बचाए गए बच्चों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा ताकि वे बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकें.
अभियान में शामिल अधिकारी एवं संस्थाएं
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जिला बाल कल्याण समिति, युवा संस्था, डालसा, चाइल्ड हेल्पलाइन और चांडिल थाना की संयुक्त टीम शामिल रही. अभियान में सैयद अयाज़ हैदर, जुझार सोरेन, मुकेश कुमार पांडेय, समीर कुमार महतो, बिट्टू प्रजापति, सुकरंजन कुमार और चांडिल थाना के सहायक पुलिस निरीक्षक अजीत मुंडा उपस्थित थे.
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