उदित वाणी, नई दिल्ली: महाकुंभ को ‘एकता के महायज्ञ’ की संज्ञा देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व महसूस करता है और अब वह नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के समापन पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे एक परिवर्तन के युग की शुरुआत बताया, जो देश के लिए नया भविष्य लिखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की विशाल संख्या ने न केवल एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत और समृद्ध बनाए रखने के लिए एक मजबूत नींव भी डाली है.
महाकुंभ संपन्न हुआ…एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का… pic.twitter.com/TgzdUuzuGI
— Narendra Modi (@narendramodi) February 27, 2025
महाकुंभ का सफल समापन
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के सफल समापन पर संतोष व्यक्त किया और इसे ‘एकता का महायज्ञ’ करार दिया. उन्होंने एक ब्लॉग में अपने विचार साझा किए और इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, “महाकुंभ संपन्न हुआ, एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ. प्रयागराज में 45 दिनों तक 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ जुड़ी, यह दृश्य अभिभूत करने वाला था. महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध किया है.”
महाकुंभ की विशाल श्रद्धालु संख्या
प्रधानमंत्री ने कहा, “महाकुंभ में जिस भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया, वह केवल एक रिकॉर्ड नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और विरासत को समृद्ध और सुदृढ़ रखने के लिए कई शताब्दियों की एक मजबूत नींव भी बन गया है.” उन्होंने आगे कहा कि महाकुंभ का आयोजन अब दुनियाभर के मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स और पॉलिसी एक्सपर्ट्स के लिए रिसर्च का विषय बन गया है.
भारत की नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब अपनी विरासत पर गर्व करता है और एक नई ऊर्जा के साथ भविष्य की ओर बढ़ रहा है. “यह परिवर्तन का युग है, जो देश के लिए नया भविष्य रचने जा रहा है,” उन्होंने कहा.महाकुंभ को एकता के महायज्ञ के रूप में उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, “समाज के हर वर्ग और क्षेत्र के लोग इस महाकुंभ में एक हो गए. यह ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का चिरस्थायी दृश्य बन गया, जिसने करोड़ों भारतीयों में आत्मविश्वास का संचार किया.”
श्रद्धा और संकल्प का महापर्व
महाकुंभ की सफलता के लिए प्रधानमंत्री ने देशवासियों के परिश्रम और संकल्प की सराहना की. “एकता के महाकुंभ को सफल बनाने के लिए देशवासियों के प्रयासों और संकल्प से प्रेरित होकर मैं श्री सोमनाथ के दर्शन करने जाऊंगा. वहां श्रद्धा रूपी संकल्प पुष्प अर्पित करते हुए हर भारतीय के लिए प्रार्थना करूंगा कि देशवासियों में यह एकता की धारा हमेशा बनी रहे,” उन्होंने कहा.
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