उदित वाणी, घाटशिला: सोना देवी विश्वविद्यालय के सभागार में आज CII, यंग इंडियंस फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने आपातकालीन जीवन रक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया. इस अवसर पर फेडरेशन के डॉक्टर पंकज सचान ने विद्यार्थियों को समय पर सीपीआर देने और आपात स्थिति में जीवन बचाने के महत्व के बारे में जानकारी दी.
आपातकालीन स्थिति में सीपीआर की महत्वता
डॉक्टर पंकज सचान ने कहा कि उनकी संस्था यंग इंडियंस फेडरेशन नवाचार, जलवायु परिवर्तन और सड़क दुर्घटनाओं जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि उनकी संस्था का ‘फरिश्ते प्रोग्राम’ सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को तुरंत आपात सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है. डॉक्टर सचान ने बताया कि अगर किसी अचेत व्यक्ति को 10 मिनट के अंदर सीपीआर दी जाती है तो उसकी जान बचाई जा सकती है.
सीपीआर देने की विधि और जान बचाने के उपाय
उन्होंने विद्यार्थियों को सीपीआर देने की विधि के बारे में भी विस्तार से समझाया. सबसे पहले पीड़ित की स्थिति को चिन्हित करना होता है, फिर उनका पल्स चेक किया जाता है और श्वसन प्रक्रिया का मूल्यांकन किया जाता है. इसके बाद सही तरीके से सीपीआर दिया जाता है.
दिल की बीमारियों और पैरालिसिस पर जानकारी
डॉक्टर सचान ने हार्ट अटैक और हार्ट अरेस्ट के बीच के अंतर को समझाया और बताया कि दिल से जुड़ी समस्याओं में कैसे तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सकती है. साथ ही, उन्होंने पैरालिसिस अटैक से पीड़ित व्यक्तियों के बारे में भी जानकारी दी. पैरालिसिस के लक्षणों को पहचानने के तरीके और मरीज को डेढ़ घंटे के अंदर अस्पताल में भर्ती कराए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
सड़क दुर्घटनाओं और जलने की चोटों में तुरंत उपचार
उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को सुरक्षित रूप से अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाने के तरीके भी बताए. इसके साथ ही, जलने की चोटों के इलाज के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि कैसे आग से घायल व्यक्ति की मदद की जा सकती है.
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