उदित वाणी, रांची: रविवार को जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा विभाग में एक ऐतिहासिक सभा का आयोजन किया गया. इस सभा में झारखंडी नव भाषाओं के शिक्षाविदों और साहित्यकारों ने भाग लिया. सभा में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि पद्मश्री डॉ. रामदयाल मुंडा और स्वर्गीय डॉ. बीपी केसरी के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए अखिल झारखंड साहित्य अकादमी का पुनर्गठन किया जाए.
झारखंडी भाषाओं को समृद्ध करने के लिए पुरस्कार समारोह
इस सभा में एक अन्य प्रस्ताव पारित किया गया कि झारखंडी भाषाओं को समृद्ध करने के लिए पहली बार “झारखंड साहित्य पुरस्कार 2025” का आयोजन किया जाएगा. यह समारोह आगामी 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित होगा. इस आयोजन में झारखंडी भाषाओं के साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र और नगद राशि के साथ सम्मानित किया जाएगा.
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि
इस प्रस्तावित समारोह में झारखंड के राज्यपाल को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा. रांची विश्वविद्यालय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, और झारखंड खुला विश्वविद्यालय के कुलपतियों को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री को भी इस समारोह में उपस्थित होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.
अखिल झारखंड साहित्य अकादमी के नए पदाधिकारी
सभा में सर्वसम्मति से अखिल झारखंड साहित्य अकादमी के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया. अध्यक्ष पद पर पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा को चुना गया, जो 2017 में भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुए थे. सचिव पद पर डॉ. सविता केसरी, उपाध्यक्ष के रूप में डॉ. बीरबल महतो, संयुक्त सचिव के रूप में डॉ. पार्वती मुंडू और कोषाध्यक्ष के रूप में डॉ. खलीक अहमद को चुना गया.
झारखंडी भाषाओं के संयोजक मंडल और सलाहकार समिति
सभा में झारखंडी भाषाओं के संयोजक मंडल का भी गठन किया गया. विभिन्न भाषाओं के संयोजक निम्नलिखित हैं:
• संताली: डॉ. डमी मुर्मू
• मुंडारी: डॉ. अजीत मुंडा
• कुरुख: डॉ. शांति कालको
• खड़िया: डॉ. चंद्र किशोर क्रिकेटर
• नागपुरी: पप्पू कुमार महतो
• कुरमाली: नीति चंद्रमा
• खोरठा: संदीप कुमार महतो
• पंचपड़गानिया: डॉ. दिनबंधु महतो
इसके अलावा, भाषाई साहित्य विकास के मामलों में मार्गदर्शन देने के लिए एक सलाहकार समिति भी गठित की गई. इस समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं:
• नागपुरी: डॉ. कृष्ण प्रसाद साहू
• कुरमाली: डॉ. वृंदावन महतो
• कुरुख: डॉ. हरी उरांव
• खोरठा: डॉ. विनोद कुमार
• पंचपड़गानिया: डॉ. वासुदेव महतो
• हो भाषा: पद्मश्री डॉ. जन्म सिंह सोय
• संताली: मदन मोहन सोरेन
• मुंडारी: प्रोफेसर गुंजल ईकिर मुंडा
• खड़िया: अनिल वीरेंद्र कुल्लू
समारोह की तैयारी और अंतिम रूप
समारोह की तैयारी के तहत 16 फरवरी को रांची स्थित जनजाति और क्षेत्रीय भाषा केंद्र में एक बैठक आयोजित की जाएगी. इस बैठक में साहित्य पुरस्कार से संबंधित विभिन्न लेखकों द्वारा प्रकाशित पुस्तकों को संग्रहित किया जाएगा, साथ ही अकादमी के नियमावली और संविधान के प्रारूप को अंतिम रूप भी दिया जाएगा.
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