उदित वाणी, नई दिल्ली: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2024-25 (04.02.2025 तक) के दौरान सक्रिय श्रमिकों के जॉब कार्ड हटाए जाने की प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं. इस अवधि में जॉब कार्ड हटाए जाने के कारणों के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जो पारदर्शिता और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा पर जोर देते हैं.
जॉब कार्ड हटाने की प्रक्रिया और कारण
महात्मा गांधी नरेगा एक मांग-आधारित रोजगार योजना है. योजना का कार्यान्वयन संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी विभागों द्वारा किया जाता है. जॉब कार्डों का अद्यतन और हटाया जाना एक नियमित प्रक्रिया है. यह प्रक्रिया मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से होती है:
• नकली, डुप्लिकेट या गलत जॉब कार्ड.
• परिवार का ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से स्थानांतरण.
• ग्राम पंचायत का शहरी क्षेत्र के रूप में वर्गीकरण.
नई तकनीकी पहल: एनएमएमएस और जियो-टैगिंग
राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में महात्मा गांधी नरेगा के कार्यान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 1 जनवरी 2023 से राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) का प्रयोग किया जा रहा है. इस प्रणाली के तहत कार्यस्थल पर श्रमिकों की उपस्थिति को जियो-टैग की गई दो-टाइम स्टैम्प वाली तस्वीरों के माध्यम से दर्ज किया जाएगा. यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड्स में की जा सकती है. यदि कार्यस्थल नेटवर्क कवर्ड एरिया में नहीं है, तो ऑफलाइन मोड में उपस्थिति दर्ज की जा सकती है और नेटवर्क क्षेत्र में आने पर अपलोड की जा सकती है.
जॉब कार्ड के हटाने और बहाली के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 25 जनवरी 2025 को एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है. यह एसओपी महात्मा गांधी नरेगा के दिशानिर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करती है और जॉब कार्डों के हटाने और बहाली के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करती है. इसके तहत:
• जॉब कार्डों की मसौदा सूचियों का प्रकाशन.
• ग्राम सभाओं में सत्यापन.
• श्रमिकों को अपील का अधिकार प्रदान किया गया है.
• आधार के माध्यम से जॉब कार्डों को लिंक करना अनिवार्य किया गया है.
इन प्रयासों का उद्देश्य जॉब कार्डों के दुरुपयोग को रोकना और सुनिश्चित करना है कि केवल वास्तविक लाभार्थी ही योजना का लाभ प्राप्त करें.
राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार जॉब कार्ड हटाने की संख्या
महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 2024-25 तक जिन सक्रिय श्रमिकों के जॉब कार्ड हटाए गए, उनकी राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार संख्या निम्नलिखित है:
• दादर नागर हवेली और दमन दीउ: 0
• लक्षद्वीप: 0
• गोवा: 10
• अंडमान और निकोबार: 26
• पुदुचेरी: 146
• लद्दाख: 236
• सिक्किम: 550
• पश्चिम बंगाल: 2309
• केरल: 2602
• हरियाणा: 2759
• हिमाचल प्रदेश: 2953
• मणिपुर: 3636
• त्रिपुरा: 5795
• पंजाब: 7947
• नगालैंड: 8130
• अरुणाचल प्रदेश: 8414
• मिजोरम: 8871
• मेघालय: 10907
• महाराष्ट्र: 13281
• कर्नाटक: 14400
• गुजरात: 15408
• उत्तराखंड: 16789
• जम्मू और कश्मीर: 22542
• राजस्थान: 24614
• उत्तर प्रदेश: 26209
• तेलंगाना: 30152
• मध्य प्रदेश: 55013
• छत्तीसगढ़: 66524
• तमिलनाडु: 77193
• आंध्र प्रदेश: 79837
• झारखंड: 151852
• ओडिशा: 222441
• बिहार: 251529
• असम: 379789
यह आंकड़ा महात्मा गांधी नरेगा योजना की पारदर्शिता को बढ़ाने और सुनिश्चित करने के लिए किए गए प्रयासों का एक उदाहरण है कि योजना का लाभ केवल पात्र ग्रामीण परिवारों तक पहुंचे.
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