उदित वाणी, जमशेदपुर: भारतीय धातु संस्थान (आईआईएम), जमशेदपुर चैप्टर द्वारा सीएसआईआर-एनएमएल, टाटा स्टील और एनआईटी जमशेदपुर के सहयोग से ताज विवांता में आयोजित आईथ्रीसी अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन दुनिया भर के उद्योग विशेषज्ञ, अनुसंधान विद्वान और पेशेवर ने संक्षारण एवं उन्नत कोटिंग्स के बारे में चर्चा की. सम्मेलन के सुबह के सत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर के वक्ताओं के साथ प्रभावशाली पूर्ण सत्र, मुख्य भाषण, तकनीकी वार्ता और समानांतर पोस्टर सत्रों की श्रृंखला आयोजित की गई. मुख्य वक्ताओं ने संक्षारण निगरानी, लेखा परीक्षा, पूर्वानुमान मॉडलिंग और कोटिंग्स में उभरते विषयों पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की. समानांतर पोस्टर सत्रों ने प्रतिभागियों को शोधकर्ताओं के साथ सीधे जुड़ने, अपने विचारों को आदान-प्रदान करने और संभावित सहयोग की खोज करने हेतु अवसर दिया.
दूसरे दिन संक्षारण चुनौतियों पर चर्चा
सम्मेलन के दूसरे दिन के सबसे प्रतीक्षित खंडों में से एक “संक्षारण चुनौतियां, सतत विकास और परिपत्र अर्थव्यवस्था – आगे का रास्ता” शीर्षक पर पैनल चर्चा हुई. “सीएसआईआर-एनएमएल के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. रघुवीर सिंह द्वारा संचालित इस सत्र में उद्योग और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के विशेषज्ञ एक साथ एकत्रित हुए. डॉ. संदीप घोष चौधरी, निदेशक सीएसआईआर-एनएमएल, उज्ज्वल चक्रवर्ती, कार्यकारी प्रभारी, टाटा टिनप्लेट, डॉ. रामानुज नारायण, निदेशक, सीएसआईआर-आईएमएमटी, भुवनेश्वर और प्रवीण थम्पी, मुख्य सीआरएम टाटा स्टील कलिंगनगर ने पर्यावरणीय मुद्दों, स्थिरता और आर्थिक विकास के संबंध में सामग्री वैज्ञानिक की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए उपरोक्त प्रासंगिक विषय पर अपने विशेषज्ञ विचार साझा किए. इस सत्र का मुख्य निष्कर्ष यह था कि संक्षारण प्रबंधन रणनीतियों को सतत विकास लक्ष्यों के बड़े ढांचे के भीतर एकीकृत करने की तत्काल आवश्यकता है तथा अनुसंधान एवं विकास वैज्ञानिकों और उद्योगों से आग्रह किया गया कि वे आरंभिक लागत से आगे सोचें तथा दीर्घकालिक पर्यावरणीय प्रभावों पर विचार करें. चर्चा में भौतिक अपशिष्ट से निपटने और संसाधनों के अनुकूलन में समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया, जो अधिक टिकाऊ और वृत्ताकार व्यापार मॉडल की दिशा में वैश्विक प्रयास के साथ संरेखित हो.
उज्ज्वल चक्रवर्ती थे मुख्य अतिथि
समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में टाटा टिनप्लेट के ईआईसी उज्ज्वल चक्रवर्ती और विशिष्ट अतिथि के रूप में सीएसआईआर-आईएमएमटी के निदेशक डॉ. रामानुज नारायण उपस्थित थे. इसके अलावा आईआईएम के अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, आईथ्रीसी के अध्यक्ष डॉ. रघुवीर सिंह, टाटा स्टील के डॉ. ए एन भगत और उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अन्य विशेषज्ञ भी मौजूद थे. दोनों विशिष्ट अतिथियों ने सम्मेलन के दौरान छात्रों और मौखिक तथा पोस्टर प्रस्तुतियों के विजेताओं को सम्मानित किया तथा उनके असाधारण योगदान और उपलब्धियों की सराहना की.
ये रहे विजेता
मौखिक प्रस्तुति के विजेता हैं निमाई चंद्र गोराईं, टाटा स्टील, महेश जी. वालुंज, सीएसआईआर-एनएमएल, सैकत मंडल, आईआईटी कानपुर, अनुश्री नाग, टाट स्टील, ललित मीना, सीएसआईआर-एनएमएल, तानाजी के चव्हाण, आईआईटी धनबाद, भरत सिंह चाहर, आईआईटी कानपुर, अरिंदम चक्रवर्ती, आईआईसीटी हैदराबाद, वाई. उषा, सीएसआईआर-एनएमएल और जुआन डेविड एम ग्युरेरो, आईआईटी खड़गपुर तथा पोस्टर प्रस्तुति के विजेता रोहित कुमार, अपूर्बा मैती, देविना रत्नम और सुमन प्रधान रहे.
इसके अलावा, विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों ने पूरे कार्यक्रम के दौरान साझा किए गए समृद्ध अनुभवों और बहुमूल्य ज्ञान पर विचार-विमर्श किया.
समापन समारोह व्याख्यान टाटा स्टील लिमिटेड के प्रधान वैज्ञानिक और i3C के संयोजक डॉ. तपन कुमार राउत ने दिया, जिन्होंने सभी वक्ताओं, प्रायोजकों और प्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया. इसके अलावा डॉ. राउत ने वैश्विक स्थिरता और नवाचार को आगे बढ़ाने में निरंतर सहयोग के महत्व पर बल दिया.
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