उदित वाणी, जमशेदपुर: जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार मिशन वात्सल्य योजना के तहत बाल संरक्षण के मुद्दे पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन टाउन हॉल, सिदगोड़ा में किया गया.
इस कार्यशाला में उप विकास आयुक्त सह एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) अनिकेत सचान, एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार, ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा) नेहा संजना खलखो, सभी बीडीओ व अन्य महत्वपूर्ण हितधारक उपस्थित रहे.
मिशन वात्सल्य – बच्चों के समग्र विकास की दिशा में पहल
कार्यशाला में मिशन वात्सल्य की स्पॉन्सरशिप योजना, फॉस्टर केयर योजना, बाल विवाह रोकथाम, बाल श्रम, बाल व्यापार, पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम तथा बच्चों से जुड़े अन्य कानूनों पर विस्तृत चर्चा हुई. साथ ही चाइल्ड प्रोटेक्शन पॉलिसी, वल्नरेबिलिटी मैपिंग और सड़क पर जीवनयापन करने वाले बच्चों के पुनर्वास पर विशेष जोर दिया गया.
बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर जोर
उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने कहा कि सिर्फ शैक्षणिक विकास ही नहीं, बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक कल्याण भी समान रूप से महत्वपूर्ण है. उन्होंने सभी संबंधित विभागों से इस दिशा में ठोस प्रयास करने की अपील की और मिशन वात्सल्य जैसी योजनाओं के प्रति अधिक से अधिक जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया.
वन स्टॉप सेंटर और चाइल्ड हेल्पलाइन को अधिक प्रभावी बनाने की अपील
एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार ने वन स्टॉप सेंटर एवं चाइल्ड हेल्पलाइन को अधिक सक्रिय बनाने की आवश्यकता जताई. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि ये सुविधाएं अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक पहुंचे.
महिला और बाल सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर:
• सखी-वन स्टॉप सेंटर हेल्पलाइन: 9430123165
• टोल-फ्री नंबर: 181
• चाइल्ड हेल्पलाइन: 1098
समाज और प्रशासन का संयुक्त प्रयास आवश्यक
ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने कहा कि भटके हुए बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ना और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है. मिशन वात्सल्य का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा, कल्याण और सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है. उन्होंने परिवार-आधारित गैर-संस्थागत देखभाल को बढ़ावा देने की बात कही ताकि कठिन परिस्थितियों में बच्चों को सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं का सहयोग मिल सके.
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए समन्वित प्रयास जरूरी
कार्यशाला में अनाथ एवं पीड़ित बच्चों के क्षमता निर्माण और पुनर्वास पर विशेष चर्चा हुई. सभी हितधारकों को इस योजना के उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक कौशल एवं ज्ञान से समृद्ध करने की आवश्यकता पर बल दिया गया.
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