उदित वाणी, न्यूज़ डेस्क: आप में से कई लोग नई या अनजान जगहों पर पहुंचने के लिए गूगल मैप्स का सहारा लेते होंगे. इसके अलावा, ट्रैफिक अपडेट के लिए भी गूगल मैप्स का उपयोग किया जाता है, ताकि यह पता चल सके कि रास्ते में जाम तो नहीं है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गूगल मैप्स पर बिना सोचे-समझे भरोसा करना आपको जानलेवा साबित हो सकता है? आइए जानने की कोशिश करते हैं कि गूगल मैप्स बार-बार ऐसी गलतियाँ क्यों कर रहा है और यदि आप गूगल मैप्स का उपयोग कर रहे हैं, तो आपको किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए?
गूगल मैप्स की गलती से तीन महीने में हुई कुछ बड़ी घटनाएं
गूगल मैप्स के कारण रास्ता भटकने की वजह से तीन महीने के भीतर तीन गंभीर घटनाएं हुईं. आम नागरिक तो दूर, पुलिस अधिकारी भी गूगल मैप्स से भ्रमित हो रहे हैं, और इसके कारण उन्हें मारपीट तक का सामना करना पड़ रहा है.
हाल ही में असम में 16 पुलिस कर्मियों को जोरबाग से एक चाय बागान पर छापा मारना था, जहां पहुंचने के लिए पुलिस दल ने गूगल मैप्स की मदद ली. लेकिन गूगल मैप्स ने पुलिस दल को जोरबाग की बजाय नागालैंड पहुंचा दिया. वहां स्थानीय लोगों ने चोर समझकर पुलिसवालों की पिटाई कर दी, क्योंकि तीन को छोड़कर सभी पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में थे. सबके हाथ में हथियार देखकर लोग इन्हें अपराधी समझ बैठे. इससे पहले भी गूगल मैप्स की वजह से कई घटनाएं हुई हैं जिनमें लोगों की जान भी गई है.
केरल के एर्नाकुलम में 5 लोग कार से निकले थे, लेकिन गूगल मैप्स ने उन्हें गलत रास्ता बताया, जिसके बाद उनकी कार नदी में गिर गई और दो लोगों की मौत हो गई.
6 दिसंबर 2024 को एक परिवार बिहार से गोवा यात्रा पर था, लेकिन गूगल मैप्स की गलती के कारण वे बेलगावी के घने जंगलों में फंस गए. यह घटना उस समय हुई जब गूगल मैप्स ने उन्हें शॉर्टकट रास्ता दिखाया, जिस पर भरोसा कर परिवार ने यात्रा की. अगले दिन पुलिस की मदद से उन्हें जंगल से बाहर निकाला गया.
एक घटना 23 नवंबर 2024 को हुई, जब गुरुग्राम से बरेली शादी में जा रहे तीन युवकों की जान गूगल मैप्स की वजह से चली गई. गूगल मैप्स ने इन युवकों की गाड़ी को एक निर्माणाधीन पुल तक पहुंचा दिया, जो न तो खुला था और न ही चेतावनी दी गई थी. इस वजह से युवकों की कार रामगंगा नदी में गिर गई, जिससे तीनों की मौत हो गई.
गूगल बार-बार क्यों भटक रहा रास्ता?
उपरोक्त घटनाओं के बाद गूगल ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है, जिसमें यह बताया गया हो कि ये हादसे क्यों हुए और इन घटनाओं में गूगल की क्या जिम्मेदारी थी. हालांकि, गूगल ने यह अवश्य कहा है कि वह स्थानीय पुलिस और संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर अपने मैप्स को सुधारने की दिशा में काम कर रहा है.
हालांकि सभी मामलों में गूगल की गलती नहीं होती, लेकिन कुछ घटनाओं में यह साफ तौर पर जिम्मेदार है और उसे अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए. बरेली वाली घटना के संदर्भ में, उस पुल का एक हिस्सा एक साल पहले ही गिर चुका था, लेकिन गूगल की मैपिंग में इसका कोई अपडेट नहीं किया गया था. अब गूगल को यह स्पष्ट करना होगा कि उसके मैप्स बार-बार अपना रास्ता क्यों भटका रहे हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. इसपर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए. अगर आप किसी नई जगह जा रहे हैं, तो पहले ही रास्ते की पूरी डिटेल समझ लें.
गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते समय अक्सर उपयोगकर्ताओं की गलती होती है, क्योंकि कई बार लोग मैप्स में दिए गए इंडिकेटर्स और सिंबल्स को सही से नहीं समझ पाते. इसलिए, मैप्स का उपयोग करने से पहले यह जरूरी है कि आप उसे ध्यान से समझें और यह जानें कि प्रत्येक सिंबल का क्या मतलब है.
गूगल मैप्स किसी भी हादसे या अधूरे निर्माण से संबंधित अपडेट भी प्रदान करता है. अगर आपके फोन में सिग्नल कमजोर है या GPS सिग्नल की वजह से गूगल मैप्स की सटीकता प्रभावित हो सकती है. यदि लोकेशन हिस्ट्री बंद है, तो हो सकता है कि गूगल मैप सही टाइम ड्यूरेशन न दिखाए.
अक्सर हम फोन की बैटरी को बचाने के लिए बैटरी सेविंग मोड चालू कर लेते हैं, जिससे फोन के कुछ फंक्शन काम करना बंद कर देते हैं. इस कारण, गूगल मैप्स की सटीकता पर भी असर पड़ सकता है.
गूगल मैप्स का उपयोग करें, लेकिन अगर संदेह हो तो स्थानीय लोगों से जरूर पूछें. अगर गूगल मैप्स शॉर्टकट रास्ता दिखा रहा है, तो उसे ज़ूम करके यह चेक करें कि वह रास्ता शहर से बहुत दूर तो नहीं है. यदि ऐसा हो, तो उस रास्ते से बचना सबसे अच्छा रहेगा.
खराब मौसम के दौरान ज्यादा अलर्ट रहें और सावधानी के साथ ड्राइव करें. रास्तों के वार्निंग साइन बोर्ड पर नजर बनाएं रखें.
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