उदित वाणी, चाईबासा: मांगीलाल रूंगटा प्लस 2 विद्यालय, चाईबासा में एनडीआरएफ (9 बी बटालियन) की टीम ने विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जागरूकता शिविर का आयोजन किया. इस शिविर का उद्देश्य बच्चों को आपातकालीन स्थितियों में जीवन रक्षा के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना था.
आपातकालीन बचाव तकनीकों का प्रशिक्षण
एनडीआरएफ की टीम ने छात्रों को विभिन्न आपदाओं और आपात स्थितियों में सुरक्षा और बचाव के महत्वपूर्ण तरीके सिखाए. इसमें शामिल थे:
- रक्तस्राव रोकने के उपाय: दबाव बिंदुओं और पट्टियों का उपयोग.
- सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन): हृदय गति रुकने पर जीवन रक्षा तकनीक.
- फायर सेफ्टी: आग लगने पर बचाव के तरीके.
- पानी में फंसने पर राहत: अस्थायी राफ्ट बनाना.
- भूकंप और आपदाओं में बचाव: अस्थायी स्ट्रेचर बनाकर घायलों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना.
- मलबे में फंसे लोगों की सहायता: लिफ्टिंग और मूविंग तकनीकों का उपयोग.
जागरूकता अभियान में सहयोग
इस शिविर में मुख्य समन्वयक सब-इंस्पेक्टर शिव कुमार राय के नेतृत्व में भोंला गुप्ता, सुजीत कुमार बैठा और पूरी एनडीआरएफ टीम ने सहयोग किया. उन्होंने बच्चों को आपदा प्रबंधन के व्यावहारिक तरीके सिखाए और बताया कि इन तकनीकों का उपयोग करके वे खुद को और दूसरों को आपातकालीन स्थितियों में बचा सकते हैं.
विद्यालय प्रशासन का आभार
विद्यालय की प्राचार्या शिल्पा गुप्ता ने एनडीआरएफ की टीम का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह जागरूकता कार्यक्रम बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला है. जिला प्रशासन ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे अन्य विद्यालयों में भी आयोजित करने की सलाह दी.
शिक्षकों और अन्य उपस्थितजन
इस अवसर पर शिक्षिका सुषमा जोजोवार, शकुंतला बांकिरा, हिमांशु शेखर, मुकेश कुमार साहू सहित अन्य लोग उपस्थित रहे. सभी ने कार्यक्रम को ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया.
आपातकालीन बचाव में आत्मनिर्भरता
यह कार्यक्रम बच्चों को न केवल आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक करता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाता है. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस पहल से बच्चों और समाज में आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी कितनी मजबूत होती है.
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