उदित वाणी, नई दिल्ली : देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति और प्रोन्नति के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एक नया ड्राफ्ट रेगुलेशन जारी किया है. यह रेगुलेशन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के आधार पर तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षक नियुक्ति में अधिक लचीलापन लाना और बहुविषयक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में इस ड्राफ्ट रेगुलेशन का अनावरण किया. शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को इस ड्राफ्ट रेगुलेशन पर अपने सुझाव और फीडबैक देने के लिए एक महीने का समय मिलेगा.
नए नियमों के प्रमुख बदलाव
नए रेगुलेशन के अनुसार, अब कोई भी अभ्यर्थी अपने डॉक्टरेट (PhD) विषय में शिक्षक बनने के योग्य होगा, भले ही उसने अपनी अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट डिग्री किसी अन्य विषय में प्राप्त की हो. यह बदलाव शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को और लचीला और बहुविषयक बनाने के लिए किया गया है, ताकि अधिक योग्य उम्मीदवार शिक्षा क्षेत्र में योगदान दे सकें.
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