उदित वाणी, कर्नाटक: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के दो मामलों की पहचान की है. यह मामले नियमित निगरानी के तहत सामने आए, जो श्वसन वायरल रोगजनकों पर आईसीएमआर के व्यापक प्रयासों का हिस्सा हैं.
क्या है एचएमपीवी और इसकी स्थिति?
एचएमपीवी भारत सहित कई देशों में पहले भी देखा गया है और यह मुख्य रूप से श्वसन संबंधी समस्याएं जैसे सामान्य सर्दी, खांसी और ब्रोन्कोन्यूमोनिया का कारण बनता है. यह वायरस गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारक नहीं माना जाता.
आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के आंकड़ों के अनुसार, देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है.
एचएमपीवी मामलों का विवरण
तीन महीने की बच्ची: बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में ब्रोन्कोन्यूमोनिया से पीड़ित बच्ची को भर्ती कराया गया था. एचएमपीवी का पता लगने के बाद अब वह पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी ले चुकी है.
आठ महीने का शिशु: इसी अस्पताल में 3 जनवरी 2025 को ब्रोन्कोन्यूमोनिया से जुड़े लक्षणों के साथ एक अन्य शिशु भर्ती हुआ था. जांच में एचएमपीवी पॉजिटिव पाया गया. फिलहाल, शिशु की स्थिति स्थिर है और वह तेजी से स्वस्थ हो रहा है.
महत्वपूर्ण जानकारी: दोनों रोगियों का कोई भी विदेश यात्रा इतिहास नहीं है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि संक्रमण स्थानीय स्तर पर ही हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्रालय और वैश्विक निगरानी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है. आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी और अन्य श्वसन वायरस के प्रसार का अध्ययन कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा चीन में मौजूदा स्थिति पर अपडेट साझा किया जा रहा है ताकि वायरस के वैश्विक रुझानों को समझा जा सके.
भारत की तैयारियां और सार्वजनिक सुरक्षा
हाल ही में किए गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य तैयारी अभ्यास से यह साफ हुआ कि भारत किसी भी संभावित स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए तैयार है.
सरकार ने आपातकालीन सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को तुरंत लागू करने की क्षमता विकसित की है, जिससे किसी भी श्वसन संबंधी बीमारियों के प्रसार को रोका जा सके.
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