उदित वाणी, जमशेदपुर: 2024 में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत पहल और संशोधन किए हैं. इनका उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, शासन में सुधार करना और नागरिकों को सशक्त बनाना है. मंत्रालय की इन पहलों ने न केवल सरकार की कार्यप्रणाली को डिजिटल रूप में पुनः आकार दिया, बल्कि देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान की. आइए जानते हैं उन पहलुओं के बारे में जो इस वर्ष की डिजिटल यात्रा में महत्वपूर्ण मील के पत्थर साबित हुए हैं.
नीतिगत विकास: 2024 की प्रमुख पहल
1. सीसीटीवी सुरक्षा मानकों का अद्यतन
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अक्टूबर 2024 से लागू होने वाले व्यापक विनियामक आदेश (CRO) के तहत सीसीटीवी कैमरों के सुरक्षा मानकों में सुधार किया है. अब भारत में बिकने वाले सभी सीसीटीवी कैमरों को सख्त सुरक्षा मानकों, जैसे भौतिक सुरक्षा, नेटवर्क एन्क्रिप्शन और पैठ परीक्षण का पालन करना होगा. इस कदम से देश में निगरानी प्रणालियों की गुणवत्ता और साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जाएगा.
2. आईटी अधिनियम 2000 की धारा 79ए के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य परीक्षक की अधिसूचना
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79ए के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के परीक्षकों के रूप में फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को अधिसूचित किया गया है. इस पहल से न्यायालयों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की पुष्टि में पारदर्शिता और सटीकता बढ़ेगी. अब तक, 15 फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को अधिसूचित किया जा चुका है, जबकि कई अन्य प्रयोगशालाएं प्रक्रिया में हैं.
क्षेत्रीय पहल: राज्यों में क्रियान्वित कार्यक्रम
1. साइबर सुरक्षा को सशक्त बनाना
साइबर सुरक्षा के लिए ‘साइबर सुरक्षित भारत’ पहल के तहत मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में साइबर सुरक्षा कार्यक्रमों की शुरुआत की है. 2024 में, 43वें सीआईएसओ प्रशिक्षण कार्यक्रम और राज्य अधिकारियों के लिए साइबर सुरक्षा कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया. इन पहलुओं ने राज्य अधिकारियों को साइबर खतरों से निपटने के लिए तैयार किया है.
2. सीएससी कल्याण शिविरों के माध्यम से सशक्तिकरण
सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) और सीएआईटी ने मिलकर नागरिकों और व्यापारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, जैसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ पहुंचाने के लिए देशभर में शिविरों का आयोजन किया. इससे करीब 6 लाख सीएससी द्वारा गांवों और दूरदराज के क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित की गई.
3. क्षमता निर्माण के कार्यक्रम
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NEGD) ने आईआईएम विशाखापत्तनम के साथ मिलकर एआई और एमएल अनुप्रयोगों पर कार्यशालाएं आयोजित कीं. इन कार्यशालाओं का उद्देश्य सरकारी अधिकारियों को डिजिटल शासन में एआई का उपयोग जिम्मेदारी से करने के लिए तैयार करना था.
भारत की डिजिटल क्रांति: ढांचे में बदलाव और नई दिशा
भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व बदलाव आया है, जिससे देश को वैश्विक डिजिटल परिवर्तन में एक प्रमुख स्थान प्राप्त हुआ है. क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग द्वारा प्रेरित डिजिटल अर्थव्यवस्था का तेजी से विस्तार हुआ है. यह बुनियादी ढांचा देश की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए निरंतर विकसित हो रहा है.
1. डेटा सेंटर का विस्तार
भारत में डेटा सेंटर का विस्तार और विकास तेज़ी से हो रहा है, जिससे देश में आईटी लोड क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने देशभर में कई अत्याधुनिक डेटा केंद्र स्थापित किए हैं, जो सरकारी मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को क्लाउड सेवाएं प्रदान कर रहे हैं.
2. क्लाउड सेवाओं की बढ़ती भूमिका
भारत के डिजिटल परिवर्तन को गति देने के लिए क्लाउड सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है. एनआईसी नेशनल क्लाउड सर्विसेज परियोजना, ई-गवर्नेंस सेवाओं के वितरण में मदद कर रही है, और 300 से अधिक सरकारी विभाग अब क्लाउड सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं.
नागरिक-केंद्रित डिजिटल सेवाएं: सुगम और प्रभावी शासन
1. उमंग और मेरी पहचान जैसी सेवाएं
उमंग और मेरी पहचान जैसी डिजिटल सेवाएं नागरिकों को सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच प्रदान करती हैं. उमंग ऐप ने 23 भाषाओं में 2,077 सेवाओं की पेशकश की है, जिससे 7.12 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता लाभान्वित हुए हैं. इसी तरह, मेरी पहचान प्लेटफॉर्म ने 132 करोड़ से अधिक लेन-देन को संसाधित किया है, जिससे नागरिकों को अपनी पहचान प्रमाणित करने में आसानी हो रही है.
2. ई-हस्ताक्षर (ई-साइन) और एपीआई सेतु
ई-हस्ताक्षर (ई-साइन) सेवा नागरिकों को दस्तावेज़ों पर डिजिटल हस्ताक्षर करने की सुविधा देती है, जो कानूनी रूप से मान्य होते हैं. एपीआई सेतु प्लेटफॉर्म ने सरकारी प्रणालियों में निर्बाध डेटा विनिमय को संभव बनाया है, जिससे 6,000 से अधिक एपीआई के माध्यम से 312 करोड़ से अधिक लेन-देन हो सके हैं.
मंत्रालय की आगामी योजनाएं: डिजिटल भविष्य का निर्माण
1. सेमीकंडक्टर उद्योग का विकास
मंत्रालय भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं के माध्यम से मंत्रालय सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है.
2. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का विकास
इंडियाएआई मिशन के तहत, मंत्रालय ने एआई शोध को बढ़ावा देने के लिए संसाधन आवंटित किए हैं और स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में एआई-संचालित अनुप्रयोगों के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा.
3. डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का विस्तार
भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) को मजबूत किया जा रहा है, ताकि नागरिकों और व्यवसायों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें. आधार, UPI और Digi Locker जैसे प्लेटफॉर्मों को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा.
2024 में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल बदलाव के माध्यम से भारत को एक नई दिशा दी है. इस दिशा में लगातार चल रही पहलें देश के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाएंगी.
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