उदित वाणी, जमशेदपुर: भागलपुर में आयोजित भागलपुर रंग महोत्सव 2024 का माहौल न केवल रंगीन था, बल्कि सांस्कृतिक विविधता और नाट्य कला के अद्वितीय प्रदर्शन से भी भरपूर था. इस महोत्सव में झारखंड राज्य से गीता थिएटर ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. महाभारत काल के महानायक दानवीर कर्ण की भूमि पर आयोजित इस महोत्सव में गीता थिएटर ने अपनी कला का जो लोहा मनवाया, वह उल्लेखनीय था.
नाटक ‘कसक’ की भावपूर्ण प्रस्तुति
गीता थिएटर ने इस महोत्सव के अंतर्गत लघु नाटक ‘कसक’ का मंचन किया, जो सामाजिक असमानता और गरीबी की गहरी व्यथा को उजागर करता है. यह नाटक अति-निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की संघर्षों और कर्ज के जाल में फंसे एक परिवार की कहानी है. इसमें परिवार के मुखिया बुधवा द्वारा लिया गया कर्ज और उसके बाद आने वाली विडंबनाओं को बेहद संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया गया. नाटक में दिखाया गया है कि कैसे सामाजिक ताने-बाने की विडंबनाओं के कारण बुधवा की पत्नी सुगनी को अपनी इज्जत का सौदा करना पड़ता है, और अंततः परिवार के एक सदस्य द्वारा आत्महत्या की कड़ी कहानी को सामने लाया गया है.
‘गुड टच – बैड टच’ पर जागरूकता
वहीं, नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में गीता थिएटर ने ‘गुड टच – बैड टच’ विषय पर आधारित एक विचारशील प्रस्तुति दी. इस नाटक के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को समाज में बच्चों के प्रति असमाजिक व्यक्तित्व के खतरों के बारे में जागरूक किया गया. नाटक के कलाकारों ने इस विषय पर प्रकाश डालते हुए यह संदेश दिया कि अभिभावकों को अपने बच्चों से खुलकर संवाद करना चाहिए, ताकि वे असुरक्षा से बच सकें.
संस्कृति का रंगमंच पर उत्थान
गीता थिएटर ने रंग जुलूस प्रतियोगिता में भी भाग लिया, जिसमें झारखंड राज्य की समृद्ध संस्कृति और वेशभूषा का सुंदर प्रदर्शन किया गया. इस जुलूस ने महोत्सव के दौरान भागलपुर की गलियों को जीवंत बना दिया, जहां झारखंड की लोक धरोहर और परंपराओं को दर्शाया गया.
विशिष्ट सम्मान और पुरस्कार
महोत्सव के दौरान, गीता थिएटर की अध्यक्ष गीता कुमारी को रंगमंच के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए रामावतार राही के स्मृति में राष्ट्रीय कला सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, नाट्य दल के विभिन्न कलाकारों को भी पुरस्कारों से नवाजा गया. इनमें सर्वश्रेष्ठ द्वितीय अभिनेत्री का पुरस्कार गीता कुमारी, सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार प्रेम दीक्षित, और बाल पुरस्कार में तुफैल रज़ा तथा सिमोती उरांव को सम्मानित किया गया.
अगला चरण: अभिनव कला संगम 2024
इस भव्य समारोह के बाद, गीता थिएटर का दल 25 दिसंबर को डेहरी-डालमियानगर रवाना हुआ. वहां, 26 से 30 दिसंबर तक आयोजित होने वाले अभिनव कला संगम के 31वीं अखिल भारतीय बहुभाषीय लघु नाट्य एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता 2024 में भी गीता थिएटर अपनी नाट्य कला का प्रदर्शन करेगा.
निष्कर्ष
भागलपुर रंग महोत्सव 2024 ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि रंगमंच और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाना संभव है. गीता थिएटर जैसे नाट्य दलों के योगदान से यह महोत्सव और भी खास बन गया.
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