उदित वाणी, जमशेदपुर/रांची/नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम एक बार फिर से राष्ट्रीय राजनीति में तेजी से उभर रहा है. ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देकर उन्होंने सक्रिय राजनीति में वापसी के संकेत दिए हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. संवैधानिक पद संभालने के लिए रघुवर ने राजनीति से दूरी बना ली थी, लेकिन अब उनकी भाजपा में जोरदार वापसी की अटकलें तेज हो गई हैं.
भाजपा में वापसी के संकेत
सूत्रों की मानें तो रघुवर दास जल्द ही भाजपा में किसी बड़े पद पर नजर आ सकते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की चर्चा जोरों पर है. माना जा रहा है कि जेपी नड्डा के कार्यकाल समाप्त होने के बाद, भाजपा नेतृत्व नए अध्यक्ष की तलाश कर रहा है और इस दौड़ में रघुवर दास सबसे आगे हैं.
रघुवर दास के पक्ष में कई बातें हैं, जैसे उनकी ओबीसी पृष्ठभूमि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का विश्वास, संघ के साथ लंबे समय का जुड़ाव, और जमीनी स्तर से संगठन में काम करने का अनुभव. मंडल स्तर से राजनीति शुरू कर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री जैसे प्रमुख पदों पर अपनी छाप छोड़ी है.
प्रदेश इकाई की जिम्मेदारी भी संभव
झारखंड में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा है कि रघुवर दास को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है. मौजूदा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हाल ही में पद छोड़ने की इच्छा जताई है. राज्य के बदलते राजनीतिक परिदृश्य में, भाजपा एक मजबूत और आक्रामक नेतृत्व की तलाश में है.
सूत्रों का कहना है कि मरांडी को विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी रघुवर दास को सौंपी जा सकती है. फरवरी 2024 में संगठन का चुनाव होना है, जिससे इन अटकलों को और बल मिला है.
चुनावी जीत ने बढ़ाई सियासी ताकत
2024 के विधानसभा चुनाव में रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू ने उनकी परंपरागत सीट जमशेदपुर पूर्वी से जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. अजय कुमार को 42,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया. इस जीत ने रघुवर दास की राजनीतिक पकड़ और मजबूत कर दी और सक्रिय राजनीति में लौटने का मार्ग प्रशस्त किया.
रघुवर दास का सियासी सफर
69 वर्षीय रघुवर दास का जन्म 3 मई 1955 को हुआ था. 1995 में उन्होंने पहली बार जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से जीत हासिल की और इसके बाद 2000 में भी लगातार दूसरी बार चुनाव जीते. झारखंड राज्य बनने के बाद वे बाबूलाल मरांडी सरकार में मंत्री बने.
2005, 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी सीट पर जीत का परचम लहराया. इस दौरान विभिन्न विभागों के मंत्री रहते हुए उन्होंने संगठन और प्रशासन में अपनी कुशलता दिखाई. 2014 में जब भाजपा के नेतृत्व में झारखंड में सरकार बनी, तो रघुवर दास ने बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.
अक्टूबर 2023 में उन्हें ओडिशा का राज्यपाल बनाया गया, जिसके बाद उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. अब, इस्तीफे के बाद उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
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