उदितवाणी चाईबासा : नगर परिषद चाईबासा द्वारा मधु बाजार में नवनिर्मित चौबीस दुकानों के संचालन के लिए डाक के माध्यम से आवेदन आमंत्रित करने के नियमों और शर्तों पर सवाल उठाए जा रहे हैं. राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश महासचिव त्रिशानु राय ने पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिखकर इन आवेदन आमंत्रण को तत्काल रद्द करने की मांग की है.
नियमों और शर्तों पर सवाल
पत्र में त्रिशानु राय ने आरोप लगाया कि दुकानों के आवंटन के लिए रखी गई शर्तें आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को लाभ पहुँचाने की मंशा से बनाई गई हैं. इन शर्तों के चलते असक्षम, बेरोजगार और जरूरतमंद लोग आवेदन करने से वंचित हो जाएंगे. खासकर, दस गुणा बारह फीट साइज की दुकानों के लिए अलग-अलग दरों पर एक, दो और तीन लाख रुपये की सुरक्षित जमा राशि रखी गई है, जो कि दुकान निर्माण की राशि से भी अधिक है. यह निर्णय न्यायसंगत नहीं है.
किराये की शर्तों पर विवाद
दुकान का मासिक किराया न्यूनतम एक हजार रुपये रखा गया है, लेकिन इस शर्त के साथ यह भी कहा गया है कि जो उच्चतम बोली लगाएगा, वही दुकान का मालिक बनेगा. यदि एक असक्षम व्यक्ति एक हजार रुपये की बोली लगाए और एक सक्षम व्यक्ति दस हजार रुपये की बोली लगाए, तो केवल सक्षम व्यक्ति को ही दुकान आवंटित की जाएगी. यह प्रक्रिया लोकहित में उचित नहीं मानी जा सकती.
आरक्षण और सीमित आवेदन की समस्या
दुकान आवंटन में छियालीस प्रतिशत दुकानों को अनुसूचित जनजाति के लिए और चार प्रतिशत दुकानों को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है, लेकिन निविदा का आवेदन पत्र केवल नगर परिषद चाईबासा क्षेत्र के लिए निकाला गया है. इस क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या कम है, और अधिकांश लोग आवेदन करने की शर्तों को पूरा नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा, फुटकर विक्रेताओं और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इस प्रक्रिया से वंचित रह जाएंगे.
दस्तावेज़ों की अनिवार्यता
आवेदन पत्र के साथ होल्डिंग टैक्स प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिए गए हैं. इससे असक्षम, अशिक्षित, बेरोजगार और जरूरतमंद लोग आवेदन करने से वंचित हो जाएंगे. इन शर्तों की वजह से केवल कुछ सक्षम और संपन्न लोग ही आवेदन करने में सक्षम होंगे.
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