उदित वाणी, जमशेदपुर: मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं रोटी बैंक के चेयरमैन मनोज मिश्रा ने कहा कि “मानवाधिकार की रक्षा करना राज्य की प्रमुख जिम्मेदारी है.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि वर्तमान में राज्य सरकारें इस दिशा में विफल रही हैं. आम लोगों को अपने अधिकारों से वंचित होना पड़ रहा है, जो चिंता का विषय है.
भुइयाडीह में निबंध प्रतियोगिता
रोटी बैंक द्वारा संचालित महिला शक्ति मंच के अंतर्गत भुइयाडीह में “मानवाधिकार संरक्षण” विषय पर एक निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई. इस प्रतियोगिता में आसपास के बच्चों और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
सामाजिक तंत्र पर सवाल
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोज मिश्रा ने अपने संबोधन में बताया कि महिलाओं और नाबालिग युवतियों पर अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं. साथ ही, गरीब और बुजुर्ग नागरिकों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं. उन्होंने कहा, “गरीब वर्ग मजबूरी में सरकारी अस्पतालों और स्कूलों पर निर्भर हैं, जो नाम मात्र की सेवाएं प्रदान करते हैं.”
मानवाधिकार संरक्षण समिति की मांग
मनोज मिश्रा ने जोर देते हुए कहा कि राज्य में मानवाधिकार आयोग को मजबूती देने के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण समितियों का गठन किया जाना चाहिए. इन समितियों की मासिक बैठकें ब्लॉक और थाना स्तर पर सुनिश्चित की जानी चाहिए. इससे आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान समय पर हो सकेगा.
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर अपील
उन्होंने अपील की कि राज्य सरकार 10 दिसंबर, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इन समितियों की घोषणा करे.
विजेताओं का सम्मान
कार्यक्रम के अंत में निबंध प्रतियोगिता में विजयी बच्चों और महिलाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।