उदित वाणी, जमशेदपुर: CSIR -राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (NML) ने आज अपने व्याख्यान कक्ष में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन समारोह के साथ हुई, जिसमें CSIR – NML के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी, खनिज प्रसंस्करण प्रभाग के प्रमुख डॉ. देवब्रत मिश्रा, मानव संसाधन समूह के प्रमुख डॉ. एस. शिवाप्रसाद और आरपीबीडी प्रभाग के प्रमुख डॉ. शीतल कुमार पाल उपस्थित थे.
मुख्य वक्ताओं की उपस्थिति और उद्घाटन भाषण
डॉ. संदीप घोष चौधरी ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सेल के अधिकारियों का स्वागत किया और उन्हें खनिज अभिलक्षणन से लेकर एकत्रीकरण तक के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया. उन्होंने सतत विकास के लिए निम्न-श्रेणी और उच्च गुणवत्ता वाले अयस्कों के उपयोग पर जोर दिया. खनिज प्रसंस्करण प्रभाग के प्रमुख डॉ. देवब्रत मिश्रा ने भी अधिकारियों का स्वागत करते हुए उन्हें प्रयोगशाला के अनुसंधान और विकास कार्यों से परिचित कराया.
अनुसंधान, विकास और प्रशिक्षण का महत्व
डॉ. एस. शिवाप्रसाद ने खनिज प्रसंस्करण प्रभाग की भूमिका और इसके योगदान को विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि यह प्रभाग खनिजों के सज्जीकरण में अग्रणी रहा है और सीएसआईआर-एनएमएल कौशल विकास के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है. डॉ. शीतल कुमार पाल ने इस बात पर जोर दिया कि सीएसआईआर-एनएमएल उद्योगों की समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और व्यापार विकास में सहयोग के लिए दीर्घकालिक संबंधों की आवश्यकता है.
खनिज सज्जीकरण की प्रक्रिया
खनिज और धातुकर्म उद्योगों में उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए खनिजों का सज्जीकरण महत्वपूर्ण है. इसमें आमतौर पर अयस्कों को खंडित किया जाता है ताकि मूल्यवान खनिजों को गैंग्स से अलग किया जा सके. सज्जीकरण में विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे आकार में कमी, गुरुत्वाकर्षण पृथक्करण, चुंबकीय पृथक्करण, झाग प्लवन और जल-निष्कासन.
सीएसआईआर-एनएमएल का योगदान और प्रशिक्षण कार्यक्रम
सीएसआईआर-एनएमएल पिछले कई वर्षों से लौह, अलौह, गैर-धात्विक खनिजों और कोयले के सज्जीकरण पर अध्ययन कर रहा है. इसके अलावा, ब्रिक्वेटिंग, सिंटरिंग और पैलेटाइजेशन जैसी प्रक्रियाओं पर भी शोध कार्य जारी है. इस चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्याख्यान, प्रयोगशाला दौरे और विभिन्न उपकरणों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है.
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