उदित वाणी, जमशेदपुर: आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंडीगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस द्वारा आयोजित तीन नए आपराधिक कानूनों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया. उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को सफलतापूर्वक लागू करने का संकल्प लिया.
नए कानूनों का राष्ट्र को समर्पण
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह दिन भारतीय आपराधिक न्याय व्यवस्था के लिए ऐतिहासिक है. आज चंडीगढ़ पहला शहर बन रहा है, जहां ये तीन नए आपराधिक कानून पूरी तरह से लागू किए जाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि पहले के कानून अंग्रेजों द्वारा 160 साल पहले बनाए गए थे, जिनका उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य की सुरक्षा था, न कि नागरिकों की भलाई.
न्याय की दृष्टिकोण में बदलाव
अमित शाह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाए गए इन नए कानूनों को भारतीय संसद द्वारा, भारतीय नागरिकों के लिए बनाए गए कानून बताया. प्रधानमंत्री मोदी ने सरकारी विभागों से अपील की कि वे गुलामी के सभी चिन्हों को समाप्त करें और नए भारत की सोच को आत्मसात करें. इस कदम का उद्देश्य औपनिवेशिक युग के कानूनों को हटाकर, आम जनता को शीघ्र और सुलभ न्याय दिलाना है.
सुरक्षित समाज और विकसित भारत का लक्ष्य
प्रदर्शनी और नए कानूनों का उद्देश्य औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होकर, नागरिकों को त्वरित न्याय प्रदान करना है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर बताया कि ये कानून उनके दृष्टिकोण से प्रेरित हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य औपनिवेशिक काल के कानूनों को समाप्त करना था, जो स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी लागू थे.
नए कानूनों की प्रभावशीलता
इन तीन नए आपराधिक कानूनों को 1 जुलाई से देशभर में लागू किया गया था. इनका उद्देश्य कानूनी प्रणाली को पारदर्शी, कुशल और आधुनिक समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है. इन कानूनों से नागरिकों को तेज, पारदर्शी और प्रभावी न्याय मिलने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न्यायिक सुधार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है. इस कार्यक्रम का मुख्य विषय “सुरक्षित समाज, विकसित भारत—दंड से न्याय तक” था.
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