उदित वाणी, लातेहार: लातेहार के नवाडीह इलाके में मंगलवार देर रात 15 लाख के इनामी माओवादी कमांडर छोटू खरवार की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि यह घटना आपसी लड़ाई का परिणाम है. छोटू खरवार नक्सली गतिविधियों में संलिप्त एक कुख्यात नाम था, जिसके खिलाफ 100 से अधिक नक्सली मामलों के साथ कई जिलों में मुकदमे दर्ज थे.
एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था छोटू खरवार
छोटू खरवार का नाम राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था. एनआईए ने उसके सिर पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. लातेहार के छिपादोहर इलाके का निवासी छोटू माओवादी संगठन के कोयल-शंख जोन का प्रभारी था और बूढ़ापहाड़ अभियान के बाद संगठन की कमान संभाल रहा था.
छोटू खरवार की काली छाया
छोटू खरवार के नेतृत्व में माओवादी संगठन गुमला, लोहरदगा और लातेहार जैसे इलाकों में सक्रिय था. लेवी वसूली के लिए उसने कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया. छिपादोहर में उसने एक दैनिक वेतनभोगी कर्मी की हत्या कर दी थी.
छोटू की संपत्ति और एनआईए की कार्रवाई
21 दिसंबर 2016 को बालूमाथ पुलिस ने सहारा इंडिया के मैनेजर चंदन कुमार से तीन लाख रुपये बरामद किए थे. मैनेजर ने खुलासा किया था कि यह पैसा छोटू खरवार का है. पुलिस को 26 लाख रुपये की निवेश पर्चियां भी मिली थीं, जिनमें 12 लाख रुपये उसकी पत्नी ललिता देवी के नाम पर थे. एनआईए ने इस मामले को 19 जनवरी 2018 को टेकओवर किया था.
ललिता देवी की गिरफ्तारी
माओवादियों के पैसे को निवेश कराने के आरोप में ललिता देवी को एनआईए ने 19 अक्टूबर 2019 को लातेहार से गिरफ्तार किया था. ललिता के खिलाफ जनवरी 2018 से मुकदमा दर्ज था.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।