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नवभारत साक्षरता कार्यक्रम जिले में होगा लागू 15 वर्ष से ऊपर के सभी निरक्षरों को बनाना है साक्षर
उदित वाणी जमशेदपुर: नव भारत साक्षरता कार्यक्रम नई शिक्षा नीति के तहत लागू की जाने वाली महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत सभी प्रखंडों में 10 निरक्षरों पर एक स्वयं सेवी शिक्षकों का चयन किया जाएगा।
इसके लिए वैसे लोगों को रखा जाएगा जिन्होंने कम से कम कक्षा आठवीं तक की पढ़ाई पूरी की हो और जिन्हें स्मार्ट फोन- कंप्यूटर चलाना आता हो। जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय की ओर से इसे लेकर सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है।
स्वयं सेवी शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थानों के अध्यनरत या उत्तीर्ण प्रशिक्षुओं, उच्च शिक्षण संस्थानों के अध्यनरत या उत्तीर्ण विद्यार्थियों, नेहरू युवा केंद्र संगठन, एनएसएस, एनसीसी आदि के स्वयंसेवकों, गृहिणियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सेवानिवृत शिक्षकों, पंचायती राज संगठनों अन्य संस्थानों के स्वयंसेवकों आदि को प्राथमिकता दी जाएगी।
आदेश के तहत प्रथम चरण में इस योजना के तहत सभी प्रखंडों में कम से कम 100 स्वयं सेवी शिक्षकों (वीटी) का चयन कर इसकी सूची उल्लास एप पर अपलोड करना है। सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है। इनका काम अपने आस पास के कम से कम 10 निरक्षरों को चिन्हित कर उन्हें साक्षर बनाना है। यह स्वयंसेवी शिक्षक घर-घर जाकर गैर साक्षर लोगों को अक्षर ज्ञान देंगे। साथ ही एक स्वयंसेवी शिक्षक पर 10 गैर साक्षर लोगों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी होगी। इसके लिए जिले में करीब 1100 शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। कार्यक्रम के तहत 15 साल से अधिक उम्र के सभी युवा, महिला, बुजुर्गों, जो साक्षर नहीं हैं, उन्हें साक्षर बनाया जाएगा। इसमें अक्षर व संख्या का ज्ञान करवाया जाएगा। ताकि वे पढ़ना और लिखना सीख सकें। पांच साल तक चलने वाले कार्यक्रम में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा (समानता), व्यावसायिक कौशल विकास और सतत शिक्षा के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए सभी सामग्री और संसाधन डिजिटल रूप से प्रदान किए जाएंगे। टीवी, रेडियो, सेल फोन के माध्यम से जानकारी दी जाएगी।
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