उदित वाणी, जमशेदपुरः भारत की आजादी के 75वें वर्ष के एक उल्लेखनीय उत्सव में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ने प्रेरक टैगलाइन मिट्टी को नमन, वीरों का वंदन के साथमेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम का आयोजन किया.
यह कार्यक्रम आज़ादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम का हिस्सा है, जो भारत की उपलब्धियों और अपने बहादूर रक्षकों के प्रति कृतज्ञता का प्रमाण है. कार्यक्रम के दौरान सभी स्वयंसेवक और प्रोफेसर राष्ट्र की एकता के प्रतीक अपने-अपने क्षेत्र से चावल और मिट्टी लेकर आए. इस चावल और मिट्टी को एक कलश में एकत्र किया गया, जिसे दिल्ली भेजा जाएगा. इस मिट्टी का उपयोग कृतज्ञ पथ पर एक अमृत वाटिका बनाने के लिए किया जाएगा, जो इस भूमि से जुड़ेगी और हमारे नायकों का सम्मान करेगी.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय गौरव की गहरी भावना पैदा करना और भावी पीढ़ियों को भारत की पोषित विरासत की रक्षा के लिए प्रेरित करना है. अमृत वाटिका का निर्माण होगा संस्थान निदेशक डॉ. गौतम सूत्रधर ने कलश को नेहरू युवा केंद्र के प्रतिनिधियों को समर्पित किया, जो इसे लेकर दिल्ली ले जाएंगे, जिसका उपयोग अमृत वाटिका के निर्माण में होगा. इस कार्यक्रम में सभी प्रोफेसरों और छात्रों की भागीदारी देखी गई, जिन्होंने राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए पंच प्राण प्रतिज्ञा ली. एकता और गौरव के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ ही कार्यक्रम अपने चरम पर पहुंच गया. राष्ट्रगान के सामूहिक गायन से वातावरण गूंज उठा, राष्ट्र की ताकत और एकजुटता की प्रतिध्वनि हुई. कार्यक्रम के आयोजन में एनएसएस एनआईटी जमशेदपुर के अध्यक्ष रोनित रंजन, अदिति प्रसाद, तुलसी सिंह, शुभम कुमार का योगदान रहा.
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