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सरप्लस शिक्षकों की सूची में विसंगितयों की लंबी फेहरिस्त जिला शिक्षा अधीक्षक को सौंपी
उदित वाणी,जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर पोर्टल पर सरप्लस शिक्षकों की सूची डाल दी गई है। इस सूची में 369 शिक्षकों के नाम शामिल हैं, जिनका ऑनलाइन स्थानांतरण किया जाना है। शनिवार को ही पूर्वी सिंहभूम की जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी ने स्थानांतरित किए जाने वाले इन 369 शिक्षकों की सूची स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव को भेज दी थी, जिसे पोर्टल में ऑनलाइन भी जारी कर दिया गया है। अब इस सूची को लेकर शिक्षकों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है। शिक्षकों का आरोप है कि यह सूची विसंगतियों से भरपूर है और इसमें ऐसे-ऐसे स्कूलों के शिक्षकों के नाम शामिल कर दिए गए हैं, जिन स्कूलों में दो ही ही शिक्षक उपलब्ध हैं। शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि सरप्लस शिक्षकों की सूची में बहुत से ऐसे विद्यालयों के सभी शिक्षकों को सरप्लस सूची में डाल दिया गया है, जिनमें दो ही शिक्षक हैं। इनमें से एक आदिवासी मध्य विद्यालय सीतारामडेरा शामिल है। इस स्कूल में प्राथमिक कक्षा में 54 छात्र नामांकित हैं, जिनके लिए पदस्थापित कुल 2 शिक्षक हैं, उन दोनों का नाम भी सरप्लस शिक्षकों की सूची में तबादले के लिए डाल दिया गया है।
सोमवार को ऐसी ही विसंगितयों के खिलाफ शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में डीएसई से मुलाकात की और विसंगतियों की ओर उनका ध्यान दिलाया। झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में डीएसई से मिले प्रतिनिधिमंडल ने सरप्लस शिक्षकों की जारी सूची को लेकर शिक्षकों की आपत्तियों के बारे डीएसई को जानकारी दी। बताया कि पीरामल फाउंडेशन जेनपैक्ट टीम के द्वारा बनाई गई सरप्लस शिक्षकों के नामों की सूची, जिसे डीएसई के सत्यापन के बाद शिक्षक ट्रांसफर पोर्टल पर उपलब्ध कराया गया है, उसमें अनेक खामियां व्याप्त हैं। इससे जिले के शिक्षकों के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। शिक्षकों ने बताया कि सरप्लस हुए शिक्षकों को जारी सूची के आधार पर 19 अगस्त तक पोर्टल पर अपने आवेदन अपलोड करने के लिए कहा गया है।
पुरानी सूची में शामिल शिक्षकों के नाम नई से गायब
शिक्षकों ने कहा कि जारी सरप्लस शिक्षकों की सूची खामियां ही खामियां हैं। कहा कि विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों का आधार पूरे विद्यालय की छात्र संख्या के आधार पर होना चाहिए न कि कक्षा 1 से 5 एवं 6 से 8 के आधार पर। शिक्षकों का आरोप है कि पूर्व में सरप्लस शिक्षकों के लिए जारी सूची में सिर्फ 43 शिक्षकों के ही नाम अंकित थे, जबकि वर्तमान जारी सूची में करीब 369 शिक्षकों के नाम प्रकाशित है जो आधारहीन है। पहले जिन शिक्षकों के नाम सरप्लस शिक्षकों की सूची में थे, नई सूची में उन सब का नाम ही नहीं है। जिन विद्यालय में छात्र संख्या अधिक हैं तथा शिक्षक कम हैं, वैसे विद्यालय के शिक्षकों का नाम भी इस सूची में दर्ज कर दिया गया है।
सेवानिवृत्ति के बचे दो माह, उन्हें भी सूची में किया शामिल
संघ ने आरोप लगाया कि ग्रेड 4 में कार्यरत शिक्षकों का नाम भी सूची में दर्ज है जैसे उत्क्रमित मध्य विद्यालय सरना बागुनहातु में ग्रेड 4 में 3 शिक्षकों का नाम भी सूची में दर्ज है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय जैप-6 में कार्यरत शिक्षिका विवियानी सेरेंग की सेवानिवृत्ति मात्र 2 महीने बची है, उनका भी नाम सूची में दर्ज है। सूची में प्रकाशित रिक्तियों का विवरण भी स्पष्ट नहीं है ।इस तरह पूरी सूची अवलोकन करने से अनेकों कमियां सरप्लस शिक्षकों की सूची में व्याप्त है।
पोर्टल पर अपलोड सूची को रद्द करने की मांग
शिक्ष संघ ने पोर्टल पर अपलोड सरप्लस शक्षकों की सूची को अविलंब रद्द करते हुए संशोधित सूची पुन: अपलोड करने की मांग की है, जिससे पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया पारदर्शी हो सके। संग का कहना है कि जिले के कुछ विद्यालयों द्वारा वित्तीय वर्ष 2018 , 2019 एवं 2020 का पीएम पोषण योजना का अंकेक्षण पहले करवाया जा चुका है। फिर से करवाने का दबाव बनाया जा रहा है, जो न्याय संगत नहीं है। वहीं विभागीय नियमानुसार ग्रेड 3, ग्रेड 4एवं ग्रेड 7 के लिए कामर्स योग्यताधारी शिक्षकों को शामिल करते हुए शीघ्र वरीयता सूची प्रकाशित कर भूतलक्षी प्रभाव से सभी प्रकार की लंबित प्रोन्नतियां दी जाए। प्रतिनिधि मंडल में जिला अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, संगठन सचिव अरुण कुमार,रामाकांत शुक्ला, शाहिद इकबाल, शिवाजी सिंह, संतोष कुमार शर्मा ,इफ्तिकार हसन ,मुर्शिद इमाम ,शमशाद अकरम आदि शिक्षक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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