उदित वाणी, जमशेदपुर: राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) जमशेदपुर में धातु पाइपों के एक्सपोजर विषय पर चल रहे प्रशिक्षण में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी) केंद्रों के दस प्रतिनिधि जैसे भुवनेश्वर, चेन्नई, बेंगलुरु, रांची, कोरबा गुवाहाटी, बालासोर, बद्दी, औरंगाबाद और लखनऊ के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. आयोजन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न धातु पाइप घटकों पर एक्सपोजर प्रदान करना है, जिनका विशिष्ट उद्देश्य विभिन्न सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी) केंद्रों द्वारा अकसर निरीक्षण, जांच और मूल्यांकन किया जाता है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में संरचनात्मक लक्षण वर्णन, विभिन्न यांत्रिक गुणों का मूल्यांकन, गैर-विनाशकारी परीक्षण, निर्माण पद्धति और पाइप सामग्री के लिए संबद्ध सीमाएं, मानकों के अनुसार विभिन्न निरीक्षण प्रक्रिया की रूपरेखा और इन-सर्विस सामग्री गिरावट की मुख्य विशेषताएं शामिल हैं. 13 मई तक चलने वाले कार्यक्रम में रोजाना प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा प्रासंगिक क्षेत्रों में व्याख्यान, विभिन्न उपकरण सम्बन्धी तकनीकों का उपयोग करके प्रयोगात्मक अनुकूलन घटक सामग्री के मानकों और गुणवत्ता निर्णय के लिए डेटा और परिणाम के साथ सह-सम्बन्ध की स्थापना आदि शामिल हैं. डॉ. अरविंद सिन्हा, मुख्य वैज्ञानिक और सलाहकार प्रबंधन, सीएसआईआर-एनएमएल ने अपने संबोधन में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम को करने पर जोर दिया, जिससे एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ संपर्क के साथ-साथ भविष्य में संयुक्त सहयोग की शुरुआत की दिशा में आगे बढ़ा जा सके. इसके अलावा यह भी उल्लेख किया कि सीएसआईआर-एनएमएल ऐसी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल है और सहयोग के माध्यम से धातुकर्म क्षेत्र में समस्या, समाधान और चुनौतियों का समर्थन करने हेतु तैयार है. उद्घाटन समारोह का समापन प्रमुख, केआरआईटी प्रभाग के एक संक्षिप्त भाषण के साथ हुआ, जिसमें सीएसआईआर द्वारा इस तरह की पहल के सभी विषयों पर प्रकाश डाला गया, जो कि भारत सरकार के विभिन्न मिशन मोड कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित हैं.
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