उदित वाणी रांची: छत्तीसगढ़ राज्य के तर्ज पर झारखंड में भी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के लिए जेजेए के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर लागू करने की मांग की है। आज झारखंड मंत्रालय में जेजेए के कार्यकारी अध्यक्ष अमरकांत के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से मुलाकात कर उन्हेंछत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विधान सभा से पारित पत्रकार सुरक्षा कानून की प्रति उपल्ब्ध कराई गई।
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बिना संवैधानिक संरक्षण के पूरी तरह से असुरक्षित है। लोकसभा में पिछले दिनों पेश की गई रिर्पोट के अनुसार देश में पत्रकार सबसे ज्यादा असुरक्षित हिन्दी भाषी राज्यों में हैं। झारखंड में भी समाचार संकलन को लेकर पिछले 5 वर्षों में पत्रकारों की हत्या एवं झूठे मुकदमे बड़ी संख्या में दर्ज किए गए हैं।पिछले सप्ताह छत्तीसगढ़ राज्य में पत्रकारों को संवैधानिक संरक्षण देने के लिए छग सरकार ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया है। झारखंड के समस्त पत्रकारों की ओर से झारखंड में भी छत्तीसगढ़ राज्य के तर्ज पर पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन इस मांगपत्र के माध्यम से करता है।
मुख्य सचिव से बातचीत के क्रम में बीएसपीएस के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन ने झारखंड में डिजीटल मिडिया एक्ट लागू करने पर भी चर्चा की। श्री हसन ने कहा कि आज डिजिटल मीडिया के नाम पर पत्रकारिता के कोड ऑफ कंडक्ट की पूरी तरह से अन्देखी की जा रही है जिस पर अंकुश लगाने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्हों ने कहा कि समिति में जिला स्तर पर जिला न्यायधीश, जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक सहित 5 वरिष्ठ पत्रकारों को छत्तीसगढ़ राज्य के तर्ज पर शामिल किया जाए। जेजेए उपाध्यक्ष सुनील बादल ने कहा कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में पत्रकार को परिभाषित किया गया है साथ ही डिजिटल मीडिया के लिए भी केन्द्र सरकार द्वारा नियमावली बनाई गई है यह दोनों कानून का अनुपालन पत्रकार और सरकार द्वारा नामित अधिकारी बेहतर कर सकते हैं। आज के झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल में शाहनवाज़ हसन, अमरकांत, सुनील बादल, निलोय सेन एवं आकाश सोनी शामिल थे।
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